अग्निवीरों के लिए बड़ी खुशखबरी! UP-एमपी-छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड सरकारों ने कर दिया ये ऐलान
देश आज (26 जुलाई) शुक्रवार को कारगिल दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ में शामिल होने लद्दाख पहुंचे. पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना को सेना के किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू किए जाने के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युवा बनाना है. अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युद्ध के लिए लगातार फिट रखना है.
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View In Appपीएम मोदी ने कहा, संसद से लेकर विभिन्न समितियों तक दशकों से सशस्त्र बलों को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है. भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से ज्यादा होना चिंता का विषय रहा है. इसलिए, इस विषय को सालों से कई समितियों में उठाया जाता रहा है. लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती को हल करने की इच्छाशक्ति पहले नहीं दिखाई गई.” पीएम ने कहा, दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दे को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है. कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने निजी हितों के लिए झूठ की राजनीति कर रहे हैं.”
इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (26 जुलाई) को अग्निवीर योजना के बारे में जनता को गुमराह करने के लिए विपक्ष की आलोचना की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अग्निवीरों को पुलिस सेवा और प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देगी. सीएम योगी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जब अग्निवीर अपनी सेवा के बाद वापस लौटेंगे, तो उत्तर प्रदेश सरकार इन युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर पुलिस सेवा, पीएसी में समायोजन की सुविधा प्रदान करेगी. उत्तर प्रदेश पुलिस में उनके लिए एक निश्चित आरक्षण सुविधा प्रदान की जाएगी.
हाल ही में नायब सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने 17 जुलाई को इसी तरह के कदम की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि राज्य सरकार कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और एसपीओ के पदों पर सीधी भर्ती में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगी. उन्होंने राज्य में ग्रुप बी, सी की नौकरियों में अग्निवीरों के लिए तीन साल की उम्र सीमा में छूट देने का भी ऐलान किया है.
उत्तर प्रदेश के अलावा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड ने भी शुक्रवार को अग्निवीरों के लिए कोटा की घोषणा की. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी सरकार अग्निवीरों को उनकी सेवा समाप्त होने के बाद पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण प्रदान करेगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए यादव ने कहा कि यह निर्णय हमारे शानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के अनुसार है. इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर भोपाल में शौर्य स्मारक पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही मध्य प्रदेश अग्निवीरों के लिए नौकरियों में आरक्षण की घोषणा करने वाला तीसरा भाजपा शासित राज्य बन गया.
कारगिल दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसी तरह के फैसले की घोषणा की. धामी ने कहा, हम सरकारी सेवाओं में उन्हें आरक्षण देने के लिए प्रावधान करेंगे और एक अधिनियम लाएंगे. हम इस योजना पर काम कर रहे हैं. हम विभिन्न सरकारी विभागों में उनके कौशल और अनुशासन का उपयोग करेंगे. सीएम ने ये भी ऐलान किया कि शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाएगी.” उन्होंने कहा, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से बड़ा कोई बलिदान नहीं हो सकता. इस सर्वोच्च बलिदान के लिए कोई अनुदान या सम्मान पर्याप्त नहीं हो सकता.”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इसकी घोषणा करते हुए कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि छत्तीसगढ़ में पुलिस कांस्टेबल, वन रक्षक और जेल प्रहरी की नियुक्ति में पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. राज्य सरकार जल्द ही इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी.”
मोदी सरकार की अग्निवीर योजना विपक्ष द्वारा लगातार आलोचना का शिकार हो रही है. जबकि पीएम मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर इस योजना को लेकर सेना के इस सुधार पर भी अपने निजी हितों के लिए झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया, तो इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम पर अग्निपथ मुद्दे पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि पीएम मोदी की यह टिप्पणी कि उनकी सरकार ने सेना के कहने पर इस योजना को लागू किया है, एक सरासर झूठ है. खड़गे ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि पीएम मोदी कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने जैसे अवसरों पर भी तुच्छ राजनीति कर रहे हैं. इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. मोदी जी कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने सेना के कहने पर अग्निपथ योजना लागू की. यह एक सरासर झूठ है और हमारे बहादुर सशस्त्र बलों का अक्षम्य अपमान है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी पर कारगिल विजय दिवस पर भी झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, वह (मोदी) कहते हैं कि अग्निपथ/अग्निवीर योजना सेना द्वारा शुरू की गई थी. उस समय सेना प्रमुख रहे जनरल एमएम नरवणे ने लिखा है कि यह योजना सेना के लिए पूरी तरह से आश्चर्यजनक थी और नौसेना और वायु सेना के लिए 'आसमान से गिरने वाली आपदा' थी. मोदी अब इस विनाशकारी योजना की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं.”
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ माजी ने कहा कि इस योजना की समीक्षा की जानी चाहिए. क्योंकि यह अग्निवीरों को कोई सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. उन्होंने कहा, मैं कारगिल के शहीदों को सलाम करती हूं. जब भी विदेशी देशों ने हम पर हमला किया है, हमारे बहादुर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. जेएमएम सांसद ने कहा, जिन पर 140 करोड़ लोगों का पूरा देश निर्भर है. चार साल बाद जब वे बेरोजगार हो जाएंगे तो उनका क्या होगा?”
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद डोला सेन ने प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि अग्निवीर योजना का उद्देश्य सेना को युवा बनाए रखना है. उन्होंने कहा, सेना हमेशा से युवा रही है, शायद प्रधानमंत्री को नहीं पता वे युवा होने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेते हैं. वे देश की सेवा करते हैं, हम उनका सम्मान करते हैं.” सेन ने कहा, सेना में रहना एक परमानेंट नौकरी थी. लेकिन अग्निपथ-अग्निवीर (योजना) ने इसे खत्म कर दिया. हम इस योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.”
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