PHOTOS: पंचतत्व में विलीन में हुए Group Captain Varun Singh, पिता बोले- मेरा बेटा फाइटर था, आंसू बहाने का वक्त नहीं
Group Captain Varun Singh: मध्य प्रदेश के भोपाल में आज यानी शुक्रवार को बैरागढ़ शमशान घाट पर सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
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View In Appशहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल के पी सिंह ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्यूसिव बातचीत में कहा कि हमारे पास आंसू बहाने का वक्त नहीं है, हमको गर्व हो रहा है कि बेटे ने इतनी बड़ी शहादत दी है.
इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रियों के साथ शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को अंतिम विदाई देने आए थे.
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल के पी सिंह अपने रिटायरमेंट के बाद भोपाल में ही बस गए हैं. वरुण सिंह के बारे में बात करते हुए उनकी आंखें नम हो गई. उन्होंने बताया कि वो बचपन से ही फाइटर पायलट बनना चाहता था.
पिता कर्नल के पी सिंह ने कहा कि वो कुछ और नहीं, मैथ्स और फिजिक्स से डरता था, मगर उसे पायलट ही बनना था. सारी मुश्किलें पार की, 12वीं में नंबर कम आए फिर भी वो बना पायलट ही. वो असल फाइटर था.
पिता के पी सिंह ने बताया की वो आठ दिन हमारे परिवार के लिए बहुत भारी थे. वो पूरे वक्त अस्पताल में भी मौत से लड़ता रहा. कभी हालत ठीक होती थी, कभी बिगड़ती थी.
पिता ने कहा कि इस दौरान देश के रक्षा मंत्री हर रोज दिन में दो बार फोन कर उसकी सेहत पूछते थे, हमसे बात करते थे. देश ने उसे जो प्यार और सम्मान दिया वो हमारा परिवार कभी नहीं भूल पाएगा.
सीडीएस जनरल विपिन रावत के साथ 08 दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बचने वाले एकमात्र व्यक्ति थे, मगर आठ दिन तक अस्पताल में जूझने के बाद उन्होंने बहादुरी से दम तोड़ा.
वरुण सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है. उनके भाई नेवी में ऑफिसर हैं. ये उन दुर्लभ देशभक्त परिवारों में से हैं, जिसमें घर के तीनों सदस्य सेना के तीन अंगों में रहे हैं.
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