Amit Shah Arunancha Visit: चीन सीमा के नजदीक अरुणाचल के किबिथू में ठहरे हैं अमित शाह, देखें तस्वीरें
Amit Shah Arunachal Pradesh Visit: किबिथू में गृह मंत्री शाह ने कहा कि वह युग चला गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि का कोई भी अतिक्रमण कर सकता था. अब इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर से देखने का कोई दुस्साहस नहीं कर सकता. अब सुई की नोक के बराबर भूमि तक का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह थलसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के पराक्रम ने सुनिश्चित किया है.
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View In Appकिबिथू भारत के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित गांवों में शामिल है. शाह ने पूर्वोत्तर में किए गए बुनियादी ढांचे से जुड़े और अन्य विकास कार्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाके मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता हैं.
शाह ने कहा, ‘‘1962 में, जो कोई भी इस भूमि का अतिक्रमण करने आया, उसे यहां रहने वाले देशभक्त लोगों के कारण लौटना पड़ा.’’
उन्होंने इस सीमांत स्थान को ‘भारत का प्रथम गांव’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार इन इलाकों के विकास के लिए और यहां रहने वाले स्थानीय लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कर उनकी मदद करने के के लिए एक नीतिगत बदलाव लाई.
गृह मंत्री ने कहा कि पहले सीमावर्ती इलाकों से लौटने वाले कहा करते थे कि वे भारत के अंतिम गांव में गए, लेकिन मोदी सरकार ने इस विमर्श को बदल दिया और अब लोग कहते हैं कि उन्होंने भारत के प्रथम गांव की यात्रा की.
शाह ने कहा, ‘‘2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन लुक ईस्ट नीति के कारण इसे अब इसकी समृद्धि और विकास के लिए जाना जाता है.’’
उन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले किबिथू के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संसाधनों के अभाव के बावजूद वे अदम्य साहस के साथ लड़े.
शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कोई भी ‘नमस्ते’ नहीं बोलता क्योंकि लोग एक-दूसरे का अभिवादन ‘जय हिंद’ के साथ करते हैं जो हमारे दिलों को देशभक्ति की भावना से भर देता है. उन्होंने कहा, ‘‘अरुणाचल वासियों के इसी व्यवहार के कारण चीन को वापस लौटना पड़ा, जो इस पर कब्जा करने आया था.’’
मंत्री ने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना में यह प्रावधान किया गया है कि नल से जल, बिजली, रसोई गैस, वित्तीय समावेश, डिजिटल और भौतिक संपर्क और रोजगार के अवसर दूर-दराज के सीमावर्ती गांवों में उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में इस तरह की सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए तीन साल का लक्ष्य रखा है.
मंत्री ने कहा कि सीमा पर पहरेदारी कर रहे आईटीबीपी और थलसेना के कर्मियों को और ज्यादा सुविधाएं मुहैया की जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यह नीति है कि कोई भी हमारी सीमाओं और हमारे (सशस्त्र) बलों को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता है.’’ सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के बारे में शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के करीब 70 प्रतिशत हिस्से से इस कानून को हटा दिया गया है और वह दिन दूर नहीं जब इसे इन इलाकों से पूरी तरह से हटा लिया जाएगा.
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