टोक्यो ओलंपिक में भाग ले रहे भारतीय दलों के उत्साह बढ़ाने कोलकाता के हावड़ा ब्रिज को सजाया गया, तस्वीरों में देखें
टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेने गए भारतीय दलों उत्साह कम ना हो इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. कोलकाता के हावड़ा ब्रिज को अलग-अलग रोशन के रंगों से इस तरह सजाया गया है ताकि टोक्यों ओलंपिक में हिस्सा लेने गए भारतीय दल का उत्साह और बढ़े.
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View In Appभारतीय निशानेबाजों ने तोक्यो ओलंपिक से चार दिन पहले यहां असाका निशानेबाजी रेंज पर अभ्यास शुरू किया. निशानेबाजी की स्पर्धायें उत्तर पश्चिम तोक्यो स्थित असाका रेंज पर 24 जुलाई से दो अगस्त के बीच होंगी. यहां 1964 ओलंपिक में भी निशानेबाजी स्पर्धा हुई थी.
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने ट्वीट किया,‘‘ निशानेबाज फिर तैयार हैं. भारतीय निशानेबाजी दल ने अभ्यास शुरू किया.’’ राइफल कोच सुमा शिरूर ने ट्वीट किया ,‘‘तोक्यो खेलगांव में नये माहौल में सुबह तीन किलोमीटर दौड़कर अच्छा लगा. ओलंपिक में अलग ही तरह की ऊर्जा और जज्बात उमड़ते हैं.’’ भारतीय दल में आठ राइफल, पांच पिस्टल और दो स्कीट निशानेबाजों के साथ कोच और सहयोगी स्टाफ हैं.
इधर, तोक्यो ओलंपिक के खेलगांव में डाइनिंग हॉल में दुनिया भर के व्यंजन परोसे जा रहे हैं जिनमें भारतीय दाल और परांठे भी शामिल है हालांकि भारतीय दल ने उसे लेकर मिली जुली प्रतिक्रया दी है. वही खिलाड़ियों की गर्म पानी की मांग के मद्देनजर भारतीय दूतावास से 100 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक केतली मांगी गई है.
खेलगांव में कमरों में केतलियां नहीं रखी गई है. इसके साथ ही कोरोना महामारी के कारण व्यक्तिगत संपर्क न्यूनतम रखने की कवायद में कमरों की सफाई तीन दिन में एक बार होगी. भारत के अधिकांश खिलाड़ी रविवार को यहां पहुंच गए और खेलगांव में दो दिन बिता चुके है.
भारतीय दल के उप प्रमुख प्रेम वर्मा ने सोमवार को बताया,‘‘ केतलियों की खिलाड़ियों को जरूरत है. उन्हें सुबह गर्म पानी पीना होता है. हमने भारतीय दूतावास से इसका बंदोबस्त करने का अनुरोध किया है.’’
एक टीम अधिकारी ने बताया कि कमरे अच्छे हैं लेकिन रविवार से उनकी सफाई नहीं हुई है. इस पर वर्मा ने कहा ,‘‘संपर्क न्यूनतम रखने के लिये स्थानीय आयोजन समिति हर तीन दिन में सफाई करायेगी. किसी को रोज सफाई की जरूरत है तो कह सकते हैं. तौलिये रोज बदले जा सकते हैं.’’
टेबल टेनिस खिलाड़ी जी साथियान ने बताया कि उन्हें खाने और अभ्यास की सुविधा से कोई दिक्कत नहीं है. वहीं एक अधिकारी ने कहा कि देसी खाना बेहतर हो सकता है. साथियान ने कहा ,‘‘ मैने कल दाल और परांठा खाया जो अच्छा था.’’
वहीं अधिकारी ने कहा ,‘‘ मैं भारतीयों से कांटिनेंटल या जापानी खाना चखने के लिये कहूंगा. भारतीय खाना औसत है और कई बार कच्चा भी होता है.’’ वर्मा ने हालांकि कहा,‘‘ दूसरे देश में आने पर वहां की संस्कृति को अपनाना चाहिये जिसमें खान पान भी शामिल है. यहां अच्छा भारतीय खाना परोसा जा रहा है. अब जो अपने देश में मिलता है, उससे तुलना नहीं की जानी चाहिये.’’
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