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India Gate की 'अमर जवान ज्योति' का नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ किया गया विलय, देखें- तस्वीरें
![](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/ff7d50e7dfee37209b1c2b1685da4361_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अमर जवान ज्योति को किया गया शिफ्ट
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![इंडिया गेट की 'अमर जवान ज्योति' का अब हमेशा के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल यानि राष्ट्रीय समर स्मारक की मशाल के साथ विलय कर दिया गया है. शुक्रवार को एक सैन्य समारोह में अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल ले जाया गया. इंडिया गेट पर पिछले 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति की जगह अब सिर्फ स्मारक रह गया है जहां एक उल्टी राइफल पर हेलमेट टंगा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/ab9a73fc3408e91d1871a24423574e4c1d876.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इंडिया गेट की 'अमर जवान ज्योति' का अब हमेशा के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल यानि राष्ट्रीय समर स्मारक की मशाल के साथ विलय कर दिया गया है. शुक्रवार को एक सैन्य समारोह में अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल ले जाया गया. इंडिया गेट पर पिछले 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति की जगह अब सिर्फ स्मारक रह गया है जहां एक उल्टी राइफल पर हेलमेट टंगा है.
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![शुक्रवार को चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ कमेटी, एयर मार्शल बी आर कृष्णा की मौजूदगी में अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक में मिला दिया गया. इससे पहले सेना के जवान इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को यहां लेकर पहुंचे थे. अब दोनों मशाल एक साथ वॉर मेमोरियल पर ही प्रजव्लित रहेंगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/c7d6b145e8fd9c2e072d70ce135aa56a99108.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शुक्रवार को चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ कमेटी, एयर मार्शल बी आर कृष्णा की मौजूदगी में अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक में मिला दिया गया. इससे पहले सेना के जवान इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को यहां लेकर पहुंचे थे. अब दोनों मशाल एक साथ वॉर मेमोरियल पर ही प्रजव्लित रहेंगी.
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![इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पिछले 50 सालों से जल रही थी. 1971 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में इंडिया गेट पर एक राइफल और टोपी को लगाया गया था. उसके पास ही एक मशाल लगाई गई थी जो दिन-रात बारह महीने प्रजव्लित रहती थी. इस अमर जवान ज्योति का उदघाटन 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/e146c0562d0b4ad807c0491f99b0f15b8787d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पिछले 50 सालों से जल रही थी. 1971 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में इंडिया गेट पर एक राइफल और टोपी को लगाया गया था. उसके पास ही एक मशाल लगाई गई थी जो दिन-रात बारह महीने प्रजव्लित रहती थी. इस अमर जवान ज्योति का उदघाटन 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था.
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![क्योंकि, अब देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए इंडिया गेट के करीब ही नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है इसलिए सरकार ने दोनों मशालों को एक साथ प्रजव्लित करने का फैसला लिया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/c1dac22719a5560d7350aef4afbd65775820b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
क्योंकि, अब देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए इंडिया गेट के करीब ही नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है इसलिए सरकार ने दोनों मशालों को एक साथ प्रजव्लित करने का फैसला लिया है.
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![सन् 1921 में इंडिया गेट को अंग्रेजों ने प्रथम विश्वयुद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए 90 हजार सैनिकों की याद में बनवाया था. इन सैनिकों में से करीब 13 हजार के नाम भी इंडिया गेट पर लिखे हुए हैं. इंडिया गेट को जाने माने आर्किटेक्ट, सर एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/29ed713704ae3397428d7c8ee0da820ce9631.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सन् 1921 में इंडिया गेट को अंग्रेजों ने प्रथम विश्वयुद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए 90 हजार सैनिकों की याद में बनवाया था. इन सैनिकों में से करीब 13 हजार के नाम भी इंडिया गेट पर लिखे हुए हैं. इंडिया गेट को जाने माने आर्किटेक्ट, सर एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था.
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![एक लंबे समय से इस बात की लगातार मांग चल रही थी कि देश में आजादी के बाद अलग अलग युद्ध और काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए एक अलग राष्ट्रीय स्मारक हो. यही वजह है कि वर्ष 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट के करीब ही नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का आदेश दे दिया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/410359499f5baa0bbf5ae9257095027f6cdca.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक लंबे समय से इस बात की लगातार मांग चल रही थी कि देश में आजादी के बाद अलग अलग युद्ध और काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए एक अलग राष्ट्रीय स्मारक हो. यही वजह है कि वर्ष 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट के करीब ही नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का आदेश दे दिया था.
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![करीब पांच साल बाद यानि फरवरी 2019 में नेशनल वॉर मेमोरियल (राष्ट्रीय समर स्मारक) बनकर तैयार हुआ और खुद पीएम मोदी ने इसका उद्धाटन किया था. नेशनल वॉर मेमोरियल पर आजादी के बाद से लेकर 2020 में चीन से हुए गलवान घाटी की लड़ाई तक में वीरगति को प्राप्त हुए करीब 25 हजार सैनिकों के नाम लिखे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/3bf109ade91249de57fd9bb65ec57796f7e9b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
करीब पांच साल बाद यानि फरवरी 2019 में नेशनल वॉर मेमोरियल (राष्ट्रीय समर स्मारक) बनकर तैयार हुआ और खुद पीएम मोदी ने इसका उद्धाटन किया था. नेशनल वॉर मेमोरियल पर आजादी के बाद से लेकर 2020 में चीन से हुए गलवान घाटी की लड़ाई तक में वीरगति को प्राप्त हुए करीब 25 हजार सैनिकों के नाम लिखे हैं.
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![यहां पर अमर जवान ज्योति की तरह ही देश के शूरवीरों की याद में एक मशाल जलती रहती है. यही वजह है कि सरकार ने फैसला लिया है कि दोनों मशालों को अब एक कर दिया जाए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/a5f702f6e78d7c12a45c594a04fc232e79de3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
यहां पर अमर जवान ज्योति की तरह ही देश के शूरवीरों की याद में एक मशाल जलती रहती है. यही वजह है कि सरकार ने फैसला लिया है कि दोनों मशालों को अब एक कर दिया जाए.
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![अधिकतक पूर्व सैनिकों ने जहां इस विलय का स्वागत किया है तो वहीं कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसका विरोध भी किया है. विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस फैसले का विरोध किया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/21/fef549a2c800ff5e6b684e80323d517ee6471.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अधिकतक पूर्व सैनिकों ने जहां इस विलय का स्वागत किया है तो वहीं कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसका विरोध भी किया है. विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस फैसले का विरोध किया गया है.
Published at : 21 Jan 2022 07:06 PM (IST)
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