एक्सप्लोरर

Indian Currency: 10 हजार के नोट तक किया भारतीय रुपये ने सफर, तस्वीरों में देखें इंडियन करेंसी का दिलचस्प इतिहास

Indian Currency: भारत में कागज की करेंसी पहली बार 1861 में 10 रुपये के नोट के रूप में शुरू हुई थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपये का नोट भी उतार दिया गया था.

Indian Currency: भारत में कागज की करेंसी पहली बार 1861 में 10 रुपये के नोट के रूप में शुरू हुई थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपये का नोट भी उतार दिया गया था.

भारतीय करेंसी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

1/10
Journey of Indian Currency: जो रुपया (Rupee) आपकी जेब में है, बैंक लॉकर्स (Bank Lockers) में है और शेयर मार्केट (Share Market) में लगा है, हिंदुस्तान में उसकी कहानी सदियों पुरानी है. ऐसा माना जाता है कि भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हैं जो ढाई हजार साल पहले से ही मुद्रा (Currency) का इस्तेमाल करता था.
Journey of Indian Currency: जो रुपया (Rupee) आपकी जेब में है, बैंक लॉकर्स (Bank Lockers) में है और शेयर मार्केट (Share Market) में लगा है, हिंदुस्तान में उसकी कहानी सदियों पुरानी है. ऐसा माना जाता है कि भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हैं जो ढाई हजार साल पहले से ही मुद्रा (Currency) का इस्तेमाल करता था.
2/10
चांदी के सिक्कों के साथ सोने के सिक्के भी जारी किए जाते थे, जिन्हें मुहर के नाम से जाना जाता था.
चांदी के सिक्कों के साथ सोने के सिक्के भी जारी किए जाते थे, जिन्हें मुहर के नाम से जाना जाता था.
3/10
रुपये के सफर को जो लोग जानते हैं, समझते हैं, उनका ये भी कहना है कि 19वीं शताब्दी में टकसाल से ढलकर निकलने वाले सिक्कों में पाई सबसे छोटी यूनिट थी. पैसे का तीसरा हिस्सा और औपचारिक तौर पर आने का 12वां हिस्सा पाई के बराबर होता था. मतलब तीन पाई का एक पैसा, चार पैसे का एक आना और 16 आने का एक रुपया होता था.
रुपये के सफर को जो लोग जानते हैं, समझते हैं, उनका ये भी कहना है कि 19वीं शताब्दी में टकसाल से ढलकर निकलने वाले सिक्कों में पाई सबसे छोटी यूनिट थी. पैसे का तीसरा हिस्सा और औपचारिक तौर पर आने का 12वां हिस्सा पाई के बराबर होता था. मतलब तीन पाई का एक पैसा, चार पैसे का एक आना और 16 आने का एक रुपया होता था.
4/10
कागज के रुपये के चलन की बात करें तो कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19वीं सदी में ही बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने इसकी शुरुआत की थी. रुपये की हिस्ट्री को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि 1861 में 10 रुपये के नोट ने पहली बार बाजार में दस्तक दी थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपए का नोट भी उतार दिया गया. 1900 में 100 रुपये का नोट आया और 1905 में 50 रुपए के नोट ने भारत में अपना डेब्यू किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कागज के रुपये के चलन की बात करें तो कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19वीं सदी में ही बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने इसकी शुरुआत की थी. रुपये की हिस्ट्री को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि 1861 में 10 रुपये के नोट ने पहली बार बाजार में दस्तक दी थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपए का नोट भी उतार दिया गया. 1900 में 100 रुपये का नोट आया और 1905 में 50 रुपए के नोट ने भारत में अपना डेब्यू किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
5/10
कहानी यहीं नहीं रुकी, 1907 में 500 रुपये जबकि दो साल बाद यानी 1909 में 1000 का नोट बाजार में उतारा गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कहानी यहीं नहीं रुकी, 1907 में 500 रुपये जबकि दो साल बाद यानी 1909 में 1000 का नोट बाजार में उतारा गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
6/10
1950 में 2, 5, 10 और 100 रुपये के नए नोट बनाए गए. रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले भारत सरकार नोट छापने का काम करती थी. 1938 में रिजर्व बैंक के अस्तित्व में आने के बाद बैंक ने 5 रुपये का पहला नोट जारी किया. उसी साल 100, 1000 और दस हजार के नोट जारी किए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
1950 में 2, 5, 10 और 100 रुपये के नए नोट बनाए गए. रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले भारत सरकार नोट छापने का काम करती थी. 1938 में रिजर्व बैंक के अस्तित्व में आने के बाद बैंक ने 5 रुपये का पहला नोट जारी किया. उसी साल 100, 1000 और दस हजार के नोट जारी किए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
7/10
एक वक्त था जब दो रुपये के नोट पर बाघ की तस्वीर थी, पांच रुपये के नोट पर सांभर हिरण और गजेल थे जबकि 100 रुपये के नोट पर कृषि संबंधित आकृति तो वहीं 10 और बीस रुपये के नोट पर कोर्नाक व्हील, मोर और शालीमार गार्डन भी दिखाई देते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एक वक्त था जब दो रुपये के नोट पर बाघ की तस्वीर थी, पांच रुपये के नोट पर सांभर हिरण और गजेल थे जबकि 100 रुपये के नोट पर कृषि संबंधित आकृति तो वहीं 10 और बीस रुपये के नोट पर कोर्नाक व्हील, मोर और शालीमार गार्डन भी दिखाई देते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
8/10
भारत के रुपये की यात्रा जितनी लंबी है, उतनी ही विविध भी है. यानी हर मुकाम पर इसके चाल चरित्र में बदलाव होता रहा है और सुरक्षा कारणों से आज भी किया जाता है. इसके सिक्यॉरिटी फीचर्स अपग्रेड होते रहते हैं. आजादी के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि अशोक चिह्न के बदले महात्मा गांधी की तस्वीर नए नोटों पर उकेरी जाए. हालांकि, बाद में सहमति अशोक चिह्न पर ही बनी.
भारत के रुपये की यात्रा जितनी लंबी है, उतनी ही विविध भी है. यानी हर मुकाम पर इसके चाल चरित्र में बदलाव होता रहा है और सुरक्षा कारणों से आज भी किया जाता है. इसके सिक्यॉरिटी फीचर्स अपग्रेड होते रहते हैं. आजादी के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि अशोक चिह्न के बदले महात्मा गांधी की तस्वीर नए नोटों पर उकेरी जाए. हालांकि, बाद में सहमति अशोक चिह्न पर ही बनी.
9/10
1969 में महात्मा गांधी की शताब्दी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय करेंसी पर बापू की तस्वीर छापी गई. तब गांधी जी के साथ सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर नोट पर दिखाई गई थी. इसके बाद 500 रुपये का नोट महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ 1987 में बाजार में उतारा गया लेकिन नोट का वाटर मार्क अशोक चिह्न ही रहा. 1996 में महात्मा गांधी सीरीज वाले नए नोट, नए फीचर्स के साथ पेश किए गए. 2005 में कुछ और सिक्यॉरिटी फीचर्स जोड़े गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
1969 में महात्मा गांधी की शताब्दी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय करेंसी पर बापू की तस्वीर छापी गई. तब गांधी जी के साथ सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर नोट पर दिखाई गई थी. इसके बाद 500 रुपये का नोट महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ 1987 में बाजार में उतारा गया लेकिन नोट का वाटर मार्क अशोक चिह्न ही रहा. 1996 में महात्मा गांधी सीरीज वाले नए नोट, नए फीचर्स के साथ पेश किए गए. 2005 में कुछ और सिक्यॉरिटी फीचर्स जोड़े गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
10/10
2011 में रुपये के सिंबल को नए सिरे से लाया गया और 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 का नोट भी मार्केट में आ गया.
2011 में रुपये के सिंबल को नए सिरे से लाया गया और 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 का नोट भी मार्केट में आ गया.

इंडिया फोटो गैलरी

इंडिया वेब स्टोरीज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lal Krishna Advani: फिर बिगड़ी BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत, अस्पताल में भर्ती
फिर बिगड़ी BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत, अस्पताल में भर्ती
चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जानिए कितने दिन तक रहे CM?
चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जानिए कितने दिन तक रहे CM?
कभी नातिन को गोद में लिया तो कभी पोती के साथ खेलते दिखें अंबानी, अनंत-राधिका की मामेरू सेरेमनी से सामने आईं झलकियां
अनंत-राधिका की मामेरू सेरेमनी में बच्चों संग खेलते दिखें मुकेश अंबानी
'मुझे बिहार का सुशांत सिंह राजपूत बनाया जा रहा है...' Khesari Lal Yadav ने क्यों कही थी ऐसी बात? खुद किया खुुलासा
'मुझे बिहार का सुशांत सिंह राजपूत बनाया जा रहा है' खेसारी लाल ने क्यों कही थी ऐसी बात?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Hathras Stampede: बाबा के फरार होने की पूरी टाइमलाइन सामने आई | ABP NewsHathras Stampede: हाथरस हादसे के बाद बाबा के कामकाज, आश्रम और फंडिग की होगी पड़तालHathras Accident: हाथरस में मौत का मुजरिम कौन ?, पटियाल की ‘हाथरस रिपोर्ट। Satsang।Hathras StampedeHathras Accident: 121 परिवारों में शोक...वजह 'भोले' का 'भ्रमलोक'? Satsang। Hathras Stampede

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lal Krishna Advani: फिर बिगड़ी BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत, अस्पताल में भर्ती
फिर बिगड़ी BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत, अस्पताल में भर्ती
चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जानिए कितने दिन तक रहे CM?
चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जानिए कितने दिन तक रहे CM?
कभी नातिन को गोद में लिया तो कभी पोती के साथ खेलते दिखें अंबानी, अनंत-राधिका की मामेरू सेरेमनी से सामने आईं झलकियां
अनंत-राधिका की मामेरू सेरेमनी में बच्चों संग खेलते दिखें मुकेश अंबानी
'मुझे बिहार का सुशांत सिंह राजपूत बनाया जा रहा है...' Khesari Lal Yadav ने क्यों कही थी ऐसी बात? खुद किया खुुलासा
'मुझे बिहार का सुशांत सिंह राजपूत बनाया जा रहा है' खेसारी लाल ने क्यों कही थी ऐसी बात?
हाथरस मामले में हाईकोर्ट के इस रिटायर्ड जज की अगुवाई में बनी कमेटी, 2 पूर्व IAS भी शामिल
हाथरस मामले में हाईकोर्ट के इस रिटायर्ड जज की अगुवाई में बनी कमेटी, 2 पूर्व IAS भी शामिल
प्याज की बंपर पैदावार के लिए किसान भाई इन बातों का रखें खास ध्यान, होगा तगड़ा मुनाफा
प्याज की बंपर पैदावार के लिए किसान भाई इन बातों का रखें खास ध्यान, होगा तगड़ा मुनाफा
पेपर लीक केस में मास्टर माइंड गिरफ्तार, दबोचने के लिए कभी भक्त तो कभी डिलीवरी ब्वॉय बनी पुलिस
राजस्थान: पेपर लीक केस में मास्टर माइंड गिरफ्तार, दबोचने के लिए कभी भक्त तो कभी डिलीवरी ब्वॉय बनी पुलिस
काजू की खेती से आप हो सकते हैं मालामाल, ये मिट्टी और इतना टेंपरेचर है सबसे जरूरी
काजू की खेती से आप हो सकते हैं मालामाल, ये मिट्टी और इतना टेंपरेचर है सबसे जरूरी
Embed widget