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Indian Currency: 10 हजार के नोट तक किया भारतीय रुपये ने सफर, तस्वीरों में देखें इंडियन करेंसी का दिलचस्प इतिहास
Indian Currency: भारत में कागज की करेंसी पहली बार 1861 में 10 रुपये के नोट के रूप में शुरू हुई थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपये का नोट भी उतार दिया गया था.
![Indian Currency: भारत में कागज की करेंसी पहली बार 1861 में 10 रुपये के नोट के रूप में शुरू हुई थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपये का नोट भी उतार दिया गया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/3739a8019a4e73e60612cb5bbf3aeeba1666807527145488_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भारतीय करेंसी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![Journey of Indian Currency: जो रुपया (Rupee) आपकी जेब में है, बैंक लॉकर्स (Bank Lockers) में है और शेयर मार्केट (Share Market) में लगा है, हिंदुस्तान में उसकी कहानी सदियों पुरानी है. ऐसा माना जाता है कि भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हैं जो ढाई हजार साल पहले से ही मुद्रा (Currency) का इस्तेमाल करता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/ce7cd983f6e28b35d78622b201e86dbcd7e05.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Journey of Indian Currency: जो रुपया (Rupee) आपकी जेब में है, बैंक लॉकर्स (Bank Lockers) में है और शेयर मार्केट (Share Market) में लगा है, हिंदुस्तान में उसकी कहानी सदियों पुरानी है. ऐसा माना जाता है कि भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हैं जो ढाई हजार साल पहले से ही मुद्रा (Currency) का इस्तेमाल करता था.
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![चांदी के सिक्कों के साथ सोने के सिक्के भी जारी किए जाते थे, जिन्हें मुहर के नाम से जाना जाता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/4ffc101ce68e084d6d826bc79196360fbd9f8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चांदी के सिक्कों के साथ सोने के सिक्के भी जारी किए जाते थे, जिन्हें मुहर के नाम से जाना जाता था.
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![रुपये के सफर को जो लोग जानते हैं, समझते हैं, उनका ये भी कहना है कि 19वीं शताब्दी में टकसाल से ढलकर निकलने वाले सिक्कों में पाई सबसे छोटी यूनिट थी. पैसे का तीसरा हिस्सा और औपचारिक तौर पर आने का 12वां हिस्सा पाई के बराबर होता था. मतलब तीन पाई का एक पैसा, चार पैसे का एक आना और 16 आने का एक रुपया होता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/130fa34bdecebaeabe4ca31cf50dda263b707.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रुपये के सफर को जो लोग जानते हैं, समझते हैं, उनका ये भी कहना है कि 19वीं शताब्दी में टकसाल से ढलकर निकलने वाले सिक्कों में पाई सबसे छोटी यूनिट थी. पैसे का तीसरा हिस्सा और औपचारिक तौर पर आने का 12वां हिस्सा पाई के बराबर होता था. मतलब तीन पाई का एक पैसा, चार पैसे का एक आना और 16 आने का एक रुपया होता था.
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![कागज के रुपये के चलन की बात करें तो कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19वीं सदी में ही बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने इसकी शुरुआत की थी. रुपये की हिस्ट्री को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि 1861 में 10 रुपये के नोट ने पहली बार बाजार में दस्तक दी थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपए का नोट भी उतार दिया गया. 1900 में 100 रुपये का नोट आया और 1905 में 50 रुपए के नोट ने भारत में अपना डेब्यू किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/c91fd45241e9778d5b240c71e153d2f0a22d4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कागज के रुपये के चलन की बात करें तो कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19वीं सदी में ही बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने इसकी शुरुआत की थी. रुपये की हिस्ट्री को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि 1861 में 10 रुपये के नोट ने पहली बार बाजार में दस्तक दी थी. 1864 में 20 रुपये का नोट आया जबकि आठ साल बाद पांच रुपए का नोट भी उतार दिया गया. 1900 में 100 रुपये का नोट आया और 1905 में 50 रुपए के नोट ने भारत में अपना डेब्यू किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![कहानी यहीं नहीं रुकी, 1907 में 500 रुपये जबकि दो साल बाद यानी 1909 में 1000 का नोट बाजार में उतारा गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/9dc89bcc9c6d171d1bb3b504f5dcae09e5663.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहानी यहीं नहीं रुकी, 1907 में 500 रुपये जबकि दो साल बाद यानी 1909 में 1000 का नोट बाजार में उतारा गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![1950 में 2, 5, 10 और 100 रुपये के नए नोट बनाए गए. रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले भारत सरकार नोट छापने का काम करती थी. 1938 में रिजर्व बैंक के अस्तित्व में आने के बाद बैंक ने 5 रुपये का पहला नोट जारी किया. उसी साल 100, 1000 और दस हजार के नोट जारी किए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/3b6dfb61538d42137d972348dc174c25ef454.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
1950 में 2, 5, 10 और 100 रुपये के नए नोट बनाए गए. रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले भारत सरकार नोट छापने का काम करती थी. 1938 में रिजर्व बैंक के अस्तित्व में आने के बाद बैंक ने 5 रुपये का पहला नोट जारी किया. उसी साल 100, 1000 और दस हजार के नोट जारी किए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![एक वक्त था जब दो रुपये के नोट पर बाघ की तस्वीर थी, पांच रुपये के नोट पर सांभर हिरण और गजेल थे जबकि 100 रुपये के नोट पर कृषि संबंधित आकृति तो वहीं 10 और बीस रुपये के नोट पर कोर्नाक व्हील, मोर और शालीमार गार्डन भी दिखाई देते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/ffe91fcfa695e6d6e66952c86fd5d5529c4b2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक वक्त था जब दो रुपये के नोट पर बाघ की तस्वीर थी, पांच रुपये के नोट पर सांभर हिरण और गजेल थे जबकि 100 रुपये के नोट पर कृषि संबंधित आकृति तो वहीं 10 और बीस रुपये के नोट पर कोर्नाक व्हील, मोर और शालीमार गार्डन भी दिखाई देते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![भारत के रुपये की यात्रा जितनी लंबी है, उतनी ही विविध भी है. यानी हर मुकाम पर इसके चाल चरित्र में बदलाव होता रहा है और सुरक्षा कारणों से आज भी किया जाता है. इसके सिक्यॉरिटी फीचर्स अपग्रेड होते रहते हैं. आजादी के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि अशोक चिह्न के बदले महात्मा गांधी की तस्वीर नए नोटों पर उकेरी जाए. हालांकि, बाद में सहमति अशोक चिह्न पर ही बनी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/769eaa4877849154165c53f123b9a34113b1a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भारत के रुपये की यात्रा जितनी लंबी है, उतनी ही विविध भी है. यानी हर मुकाम पर इसके चाल चरित्र में बदलाव होता रहा है और सुरक्षा कारणों से आज भी किया जाता है. इसके सिक्यॉरिटी फीचर्स अपग्रेड होते रहते हैं. आजादी के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि अशोक चिह्न के बदले महात्मा गांधी की तस्वीर नए नोटों पर उकेरी जाए. हालांकि, बाद में सहमति अशोक चिह्न पर ही बनी.
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![1969 में महात्मा गांधी की शताब्दी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय करेंसी पर बापू की तस्वीर छापी गई. तब गांधी जी के साथ सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर नोट पर दिखाई गई थी. इसके बाद 500 रुपये का नोट महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ 1987 में बाजार में उतारा गया लेकिन नोट का वाटर मार्क अशोक चिह्न ही रहा. 1996 में महात्मा गांधी सीरीज वाले नए नोट, नए फीचर्स के साथ पेश किए गए. 2005 में कुछ और सिक्यॉरिटी फीचर्स जोड़े गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/165a966a46d7e026d98a66bba3c6e425f3afd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
1969 में महात्मा गांधी की शताब्दी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय करेंसी पर बापू की तस्वीर छापी गई. तब गांधी जी के साथ सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर नोट पर दिखाई गई थी. इसके बाद 500 रुपये का नोट महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ 1987 में बाजार में उतारा गया लेकिन नोट का वाटर मार्क अशोक चिह्न ही रहा. 1996 में महात्मा गांधी सीरीज वाले नए नोट, नए फीचर्स के साथ पेश किए गए. 2005 में कुछ और सिक्यॉरिटी फीचर्स जोड़े गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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![2011 में रुपये के सिंबल को नए सिरे से लाया गया और 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 का नोट भी मार्केट में आ गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/120189e78d1e53defdd3cc30d346a0d119307.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
2011 में रुपये के सिंबल को नए सिरे से लाया गया और 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 का नोट भी मार्केट में आ गया.
Published at : 27 Oct 2022 12:00 AM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion