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Chandrayaan 3 vs Luna 25: चंद्रयान-3 से पहले चांद पर उतरेगा लूना-25, तस्वीरों में देखिए दोनों के बीच कितनी होगी दूरी
चंद्रयान-3 के बाद रूस ने अपना मून स्पेसक्राफ्ट लॉन्च कर दिया है. इस मिशन का नाम है लूना-25. चंद्रयान-3 के करीब एक महीने बाद मिशन लूना-25 लॉन्च किया गया और ये पहले चांद की सतह पर लैंड कर जाएगा.

रूस का मिशन लूना-25 लॉन्च
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रूस का मिशन लूना-25 इसी महीने 21 अगस्त को चांद की सतह को छू सकता है. जबकि भारत का चंद्रयान मिशन-3 इसके दो दिन बाद 23 अगस्त चांद पर पहुंच सकता है.
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चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग की लोकेशन 69.63 दक्षिण, 32.32 पूर्व है. वहीं रूसी मिशन की लोकेशन 69.5 दक्षिण 43.5 पूर्व है. चंद्रयान-3 और लूना-25 की दूरी ज्यादा नहीं होगी.
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भारत और रूस दोनों के ही मून स्पेसक्राफ्ट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे. शनमुगा सुब्रमण्यन ने बताया है कि चांद पर चंद्रयान-3 और लूना-25 के बीच की दूरी 118 किमी होगी. शनमुगा सुब्रमण्यन वही शख्स हैं जिन्होंने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे का सही पता लगाया था.
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मिशन लूना-25 की तुलना में चंद्रयान-3 लंबा रास्ते से सफर कर रहा है. इसका एक कारण ये है कि रूसी रॉकेट ज्यादा बड़ा और ताकतवर है. भारत का रॉकेट छोटा और कम खर्चीला है. चंद्रयान-3 का रॉकेट इतना वेग (वेलोसिटी) नहीं दे सकता है कि ज्यादा तेजी से चांद की ओर जा सके.
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दोनों मून स्पेसक्राफ्ट के लैंडिंग का समय लगभग एक ही है लेकिन दोनों ने अलग-अलग जगह पर उतरने की योजना बनाई है. रूसी एजेंसी ने कहा है कि दोनों के बीच कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.
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दोनों ही मिशन के पास रोवर और लैंडर है. चंद्रयान 3 सिर्फ 14 दिनों तक ही चांद पर काम करेगा. जबकि लूना-25 चांद पर एक साल तक रिसर्च करता रहेगा. ये चांद की मिट्टी के नमूने लेने और उनका विश्लेषण करेगा.
Published at : 12 Aug 2023 08:35 AM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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