अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने बढ़ाए कदम, भेजी 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप
भारत ने पाकिस्तान के साथ महीनों तक चली बातचीत के बाद अंतत: अटारी सीमा के जरिए सड़क मार्ग से मानवीय सहायता के रूप में 50 ट्रकों में 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप अफगानिस्तान के लिये रवाना की. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी है.
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View In Appविदेश मंत्रालय ने बताया है कि 22 फरवरी को अमृतसर में एक समारोह में सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के लिये मानवीय सहायता के तहत 50 ट्रकों में 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप रवाना की गई.
इस समारोह में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के साथ अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मंमूदजई और विश्व खाद्य कार्यक्रम के कंट्री निदेशक बी पराजुली मौजूद थे.
मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिये संयुक्त राष्ट्र की अपील के मद्देनजर भारत सरकार ने अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मिट्रिक टन गेहूं तोहफे के रूप में देने का निर्णय किया था.
इसमें कहा गया है कि इसकी आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से होगी और इसे आईसीपी अटारी (भारत) द्वारा अफगानिस्तान के परिवहनकर्ताओं के जरिये जलालाबाद (अफगानिस्तान) पहुंचाया जायेगा.
इस खेप के तहत गेहूं के प्रत्येक बैग पर अंग्रेजी, पश्तो और दारी भाषा में लिखा था, ‘‘भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान के लोगों के लिये तोहफा.’’
समझा जाता है कि इस खेप में खाद्यान्न की आपूर्ति 50-50 किलोग्राम के जूट के बैग गेहूं की पैकिंग करके की गई है और इसे भेजे जाने की तिथि से गेहूं की शेल्फ लाइफ एक वर्ष है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार ने अफगानिस्तान में गेहूं वितरित करने के लिये विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था .
मंत्रालय ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में भारत ने पहले ही अफगानिस्तान को कोविड रोधी टीके की 5 लाख खुराक,13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और गरम कपड़ों से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति की है.
अफगानिस्तान के दूतावास ने समय पर सहायता के लिये भारत और यहां के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शेष खाद्यान्न की आपूर्ति एक महीने में किये जाने की उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों के लिये भारत की मानवीय सहायता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. भारत ने अटारी सीमा से अफगानिस्तान के जलालाबाद के लिये 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप भेजी है.
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