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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Year के मौके पर भारत-चीन की सेनाओं ने एक दूसरों को बांटी मिठाईयां, 7 जगहों पर दोनों देशों के कमांडर्स ने की मुलाकात
गलवान घाटी की हिंसा के बाद पहली बार शनिवार को नए साल के मौके पर भारत और चीन की सेनाओं ने शुभकामनाओं और मिठाईयों का आदान प्रदान किया. पूर्वी लद्दाख में एलएसी के काराकोराम दर्रे, डीबीओ, चुशूल, डेमचोक, हॉट स्प्रिंग, बोटलनैक और कोंगराला एरिया सहित कुल सात जगहों पर दोनों देशों की सेनाओं के फील्ड कमांडर्स ने मुलाकात कर पिछले डेढ़ साल से जारी तनाव को खत्म कर नव वर्ष की शुभकामनाएं दी.
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View In Appपूर्वी लद्दाख में सात जगहों पर सेरेमोनियल मीटिंग के अलावा सिक्किम के नाथू ला सेक्टर और अरूणाचल प्रदेश के बूमला और वचाई-दमाई में भी भारत और चीन के सैनिकों ने एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दी और उपहारों का आदान प्रदान किया.
पूर्वी लद्दाख में सात जगहों पर सेरेमोनियल मीटिंग के अलावा सिक्किम के नाथू ला सेक्टर और अरूणाचल प्रदेश के बूमला और वचाई-दमाई में भी भारत और चीन के सैनिकों ने एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दी और उपहारों का आदान प्रदान किया.
भारतीय सेना ने एलएसी पर नए साल के मौके पर चीनी सेना के साथ हुई मीटिंग और उपहारों की तस्वीरें भी जारी की हैं. तस्वीरों में दोनों देशों की सेनाएं चेहरे पर मास्क और पीपीई किट पहने हुए दिखाई पड़ रहे हैं.
हॉट स्प्रिंग में तो दोनों देशों के सैनिक एक छोटे से नाले पर लैडर-नुमा अस्थाई पुल पर चढ़कर एक दूसरे को मिठाई और उपहार देते दिखाई दे रहे हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, पूरी एलएसी पर कुल 10 जगहों पर इन गिफ्ट्स का आदान प्रदान हुआ. भारत और चीन के बीच कुल 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएसी है.
2019 में अप्रैल-मई के महीने से एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव चल रहा है. भारत का आरोप है कि चीनी सेना ने कोरोना महामारी का फायदा उठाकर एलएसी के कई इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की थी.
15-16 जून 2019 की रात दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. हिंसा में चीन ने कबूल किया कि उसके पांच सैनिकों की मौत हुई है, हालांकि ये आकंड़ा कहीं ज्यादा माना गया था. उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. लेकिन पिछले साल यानी जनवरी 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच डिसइंगेजमेंट समझौता हुआ था जिसके बाद दोनों देशों के सैनिक कई इलाकें से पीछे हट गए थे.
हालांकि, पूर्वी लद्दाख में कई ऐसे विवादित इलाके हैं जहां अभी दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी चल रही है.
शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में खुलासा किया था कि एलएसी के जिन सीमावर्ती इलाकों में डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है वहां सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है.
साथ ही एलएसी के दूसरी तरफ चीन के जबरदस्त इंफ्रास्ट्रक्चर और पीएलए की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए भारतीय सेना ने पुनर्गठन के साथ-साथ अपने सैन्य ढांचे में जरूरी बदलाव भी किए हैं.
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, एलएसी पर एक से अधिक क्षेत्रों में चीन द्वारा बल के प्रयोग पर स्टेट्स-क्यो यानि यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा और उत्तेजक कार्रवाइयों का पर्याप्त रूप से जवाब दिया गया है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेनाएं विभिन्न स्तरों पर बातचीत में लगी हुई हैं. निरंतर संयुक्त प्रयासों के बाद, कई स्थानों पर डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है. ऐसे में उन क्षेत्रों में जहां डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है वहां पर्याप्त रूप से सैनिकों की संख्या बढ़ाया गई है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एलएसी पर अपने दावों को मजबूत करने के लिए भारतीय सैनिक पूरी दृढ़ता लेकिन शांति-पूर्वक सीमा पर चीन के खिलाफ डटे हुए हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि एलएसी पर भारत भी सड़क, ब्रिज और दूसरी मूलभूत सुविधाओं के साथ अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुटा है.
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