Indian Army: सेना प्रमुख बनने के बाद चीन से सटी सीमा के दौरे पर जनरल मनोज पांडे, हथियारों और सैन्य साजो सामान का लिया जायजा
थलसेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे ने अपने पहले फॉरवर्ड एरिया का दौरा पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी का कर रहे हैं. इस दौरान एलएसी की सुरक्षा-समीक्षा और ऑपरेशनल-तैयारियों का जायजा लेने के साथ-साथ जनरल पांडे खास तौर से सैनिकों के हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामान में आये तकनीकी बदलाव के बारे में जानेंगे.
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View In Appथलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अपने तीन दिवसीय (12-14 मई) लेह-लद्दाख के दौरे के पहले दिन गुरुवार को फायर एंड फ्यूरी कोर (14वीं कोर) के मुख्यालय पहुंचे. यहां कोर कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्य सेनगुप्ता और उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी सहित वरिष्ट कमांडर्स ने एलएसी के हालात की पूरी जानकारी सेना प्रमुख को दी.
थलसेना प्रमुख ने पिछले दो सालों में एलएसी पर तैनात सैनिकों के हथियारों और सैन्य साजो सामान में आई तब्दीली के बारे में जाना. सेना प्रमुख के समक्ष सभी नए हथियार और सैन्य साजो सामान की प्रदर्शनी भी की गई.
इनमें नए एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल यानि एटीजीएम, स्विच-ड्रोन और खास तरह की गाड़ियां शामिल थी, जिन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए फॉरवर्ड एरिया में ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है.
आपको बता दें कि हाल ही में थलसेना प्रमुख ने कहा था कि एलएसी पर एक इंच जमीन भी चीन को नहीं दी जाएगी. जनरल मनोज पांडे का बयान ऐसे समय में आया था जब पिछले दो सालों से भारत का पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलएसी पर चीन से सीमा-विवाद चल रहा है.
हालांकि, दोनों देशों के सैन्य कमांडर के बीच हुई 15 दौरे की मीटिंग के बाद चार मुख्य विवादित इलाकों में तनाव लगभग खत्म हो गया है लेकिन पेट्रोलिंग-पॉइंट यानी पीपी-15 पर अभी भी विवाद कायम है.
इसके अलावा दोनों ही देशों के 50-50 हजार सैनिक, टैंक, तोप, मिसाइल और पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हैं जिसके चलते स्थिति अभी भी बेहद नाजुक बनी हुई है. यही वजह है कि थलसेना प्रमुख का लेह-लद्दाख दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.
अपने लेह-लद्दाख के दौरे के पहले दिन थलसेना प्रमुख ने उप-राज्यपाल आरके माथुर से भी मुलाकात की.
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