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Anwar Ratol Mango: आम के नाम पर पाकिस्तान लूट रहा था झूठी वाहवाही, भारत के गांव ने दुनिया भर में करा दी किरकिरी

Anwar Ratol Mango: रटौल आम की विदेश में खूब मांग है. पाकिस्तान बताता है कि यह उनके देश का आम है, जबकि यह भारतीय आम की प्रजाति है. रटौल आम का उत्पादन भारत में कम होता जा रहा है.

Anwar Ratol Mango: रटौल आम की विदेश में खूब मांग है. पाकिस्तान बताता है कि यह उनके देश का आम है, जबकि यह भारतीय आम की प्रजाति है. रटौल आम का उत्पादन भारत में कम होता जा रहा है.

दुनिया में पाकिस्तानी आम के नाम से मशहूर अनवर रटौल आम भारत के बागपत जिले का है

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गर्मियों के समय आम खाने का एक अलग ही मजा है. दुनिया भर में कई प्रजाति के आम है जिनकी देश-विदेशों में बड़ी डिमांड है. दशहरी, चौसा, टपका, डाल और पाल जैसे कई भारतीय आम की प्रजातियां है, जिनकी डिमांड है. इन सबके अलावा एक ऐसा आम भी है, जिसकी विदेश में खूब मांग है और वो है रटौल आम.
गर्मियों के समय आम खाने का एक अलग ही मजा है. दुनिया भर में कई प्रजाति के आम है जिनकी देश-विदेशों में बड़ी डिमांड है. दशहरी, चौसा, टपका, डाल और पाल जैसे कई भारतीय आम की प्रजातियां है, जिनकी डिमांड है. इन सबके अलावा एक ऐसा आम भी है, जिसकी विदेश में खूब मांग है और वो है रटौल आम.
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रटौल आम की विदेश में खूब मांग है. पाकिस्तान बताता है कि यह उनके देश का आम है, जबकि यह भारतीय आम की प्रजाति है.
रटौल आम की विदेश में खूब मांग है. पाकिस्तान बताता है कि यह उनके देश का आम है, जबकि यह भारतीय आम की प्रजाति है.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर राहत अबरार के मुताबिक पाकिस्तान का दुनिया भर में फेमस अनवर रटौल आम दरअसल, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रटौल गांव का है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर राहत अबरार के मुताबिक पाकिस्तान का दुनिया भर में फेमस अनवर रटौल आम दरअसल, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रटौल गांव का है.
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डॉ अबरार ने बताया कि यह वही आम है, जिसको तोहफे के रूप में इंदिरा गांधी को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने भेजा था. रटौल आम का उत्पादन भारत में कम होता जा रहा है. यही कारण है कि लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. यही कारण है कि इस आम को वर्ल्ड लेवल पर पाकिस्तानी आम कहा जाता है.
डॉ अबरार ने बताया कि यह वही आम है, जिसको तोहफे के रूप में इंदिरा गांधी को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने भेजा था. रटौल आम का उत्पादन भारत में कम होता जा रहा है. यही कारण है कि लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. यही कारण है कि इस आम को वर्ल्ड लेवल पर पाकिस्तानी आम कहा जाता है.
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देखा जाए तो आम की 300 से भी ज्यादा प्रजातियां है, जो भारत के अलावा देश विदेशों में भी मशहूर है. इन आमों में से एक है अनवर रटौल आम इसके बारे में पाकिस्तान ने यह मान लिया है कि यह आम भारत के बागपत जिले का है.
देखा जाए तो आम की 300 से भी ज्यादा प्रजातियां है, जो भारत के अलावा देश विदेशों में भी मशहूर है. इन आमों में से एक है अनवर रटौल आम इसके बारे में पाकिस्तान ने यह मान लिया है कि यह आम भारत के बागपत जिले का है.
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अब सवाल यह है कि बागपत जिले का आम पाकिस्तान कैसे पहुंचा? डॉ अबरार ने बताया कि आजादी के समय उनके चाचा पाकिस्तान गए थे और अपने साथ आम के पौधे भी ले गए थे. पाकिस्तान में आम के पौधे लगाए गए और खूब फले फूले.
अब सवाल यह है कि बागपत जिले का आम पाकिस्तान कैसे पहुंचा? डॉ अबरार ने बताया कि आजादी के समय उनके चाचा पाकिस्तान गए थे और अपने साथ आम के पौधे भी ले गए थे. पाकिस्तान में आम के पौधे लगाए गए और खूब फले फूले.
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उन आम के साथ डॉक्टर अबरार के दादाजी अनवर उल हक का नाम जोड़ दिया गया, जिससे उसका का नाम अनवर रटौल पड़ गया और फिर देखते ही देखते पाकिस्तान ने यह आम देश विदेश में निर्यात करना शुरू कर दिया.
उन आम के साथ डॉक्टर अबरार के दादाजी अनवर उल हक का नाम जोड़ दिया गया, जिससे उसका का नाम अनवर रटौल पड़ गया और फिर देखते ही देखते पाकिस्तान ने यह आम देश विदेश में निर्यात करना शुरू कर दिया.
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पाकिस्तान में एक लेख प्रकाशित होता है, जिसमें डॉक्टर अबरार की तस्वीर और उनका बयान भी सामने आया और यह भी स्वीकार किया गया कि यह आम भारत के बागपत जिले से है.
पाकिस्तान में एक लेख प्रकाशित होता है, जिसमें डॉक्टर अबरार की तस्वीर और उनका बयान भी सामने आया और यह भी स्वीकार किया गया कि यह आम भारत के बागपत जिले से है.

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