Indian Railway Recruitment: रेलवे भर्ती के लिए क्या कर रही है नरेंद्र मोदी सरकार? रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव ने बताया प्लान
अश्विनी वैष्णव के अनुसार, साल 2004 से 2014 के बीच रेलवे में कुल 4,11,000 लोगों को रोजगार दिया गया, जबकि वर्ष 2014 से दिसंबर 2023 तक की बात करें तो इस समयकाल में 4,98,000 नौकरियां दी गईं. संसद में भी इस डेटा का जिक्र किया गया है.
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View In Appकेंद्रीय मंत्री की ओर से कहा गया- हमारे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार) सामने यह चीज बिल्कुल साफ थी कि पुरानी प्रक्रिया के तहत चार-पांच साल में जो एक साथ रेलवे भर्ती होती है, उसे बदलकर हमें सालाना भर्ती प्रक्रिया अमल में लानी है.
अश्विनी वैष्णव बोले, हमने 2022 में इस बात को लेकर कमिटमेंट किया था और उस पर काम भी चालू किया. हमने तय किया कि जनवरी (लोको पायलट एएलपी की), अप्रैल (टेक्नीशियन की), जून (नॉन-टेक्निकल कैटिगरी की) और अक्टूबर (लेवल-1 की वैकेंसी) में योजनाबद्ध तरीके से भर्ती करेंगे.
रेल मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि सरकार ने इस तरह की प्लानिंग कर के जरिए पूरा शेड्यूल बनाया है. इस काम को करने के लिए अगले तीन साल की योजना बनाई जा चुकी है. छात्रों को पुरानी व्यवस्था की वजह से पहले बहुत नुकसान (नौकरी के लिए तय उम्र से अधिक हो जाने के संदर्भ में) होता था.
अश्विनी वैष्णव ने कहा- स्टूडेंट्स इतने साल तैयारी करते थे. ऐसे में एक साथ प्रेशर बन जाता था. अब छात्रों को लगातार मौके मिलते जाएंगे. एएलपी में उन्हें नौकरी मिल गई. टेक्नीशियन में जो अप्रैल में होनी थी, उसे हमने चुनाव के पहले किया. ऐसा इसलिए क्योंकि आगे आचार संहिता लागू हो जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने जवाब के दौरान यह भी बताया कि जून और अक्टूबर वाली भर्तियां भी समय पर की जाएंगी और उसके लिए सरकार की ओर से तैयारी की जा चुकी है. अब इस चीज के लिए सालाना रेग्युलर टाइम टेबल रहेगा.
अश्विनी वैष्णव ने आगे दावा किया कि एक साथ समूह में भर्ती (पुरानी व्यवस्था के तहत) की वजह से इसका ट्रेनिंग पर भी असर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेनिंग संस्थानों की भी क्षमता होती है. अगर साल दर साल बच्चे आएंगे तब प्रशिक्षण भी अच्छा होगा.
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