Russia Ukraine war: Youtube पर 2 लाख सैलरी का लालच दे एजेंट फैसल खान ने भारतीयों को झांसा देकर कैसे यूक्रेन के युद्ध में उतारा?
रूस में भारतीयों के फंसे होने की बात द हिंदू की रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक कि ये लोग उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं. रूस में फंसे लोगों में एक ने बताया कि वह और दो अन्य लोग एक Youtube चैनल के जरिए भर्ती हुए थे. उनसे वादा किया गया था कि उन्हें आर्मी सिक्योरिटी हेल्पर के तौर पर भर्ती किया जा रहा है और उन्हें हथियार नहीं उठाने पड़ेंगे. इन लोगों को 2 लाख रुपये मासिक सैलरी और 50 हजार रुपये बोनस का वादा किया गया था.
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View In Appपीड़ित के मुताबिक, उसे नवंबर 2023 में रूस लाया गया. शुरुआत में उन्हें बेसिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई. बाद में उन्हें डोनेट्स्क के पास युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया. यहां उनका कई बार गोलियों से सामना हुआ. इसमें उसके एक साथी की भी मौत हो गई. हालांकि, वह वहां से भागने में सफल रहा. अब उसे भी अपनी जान का खतरा सता रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों की भर्ती के पीछे कुछ भारतीय एजेंट्स हैं. पीड़ित ने बताया कि 13 नवंबर को उन्हें एक शिविर में भर्ती कराया गया था. इसके बाद मॉस्को से लगभग ढाई घंटे दूर एक सुनसान जगह पर ले जाया गया. इसके बाद उन्होंने भारतीय एजेंटों से संपर्क किया, जिन्होंने भर्ती कराया था, उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें हेल्पर के तौर पर तैनात किया जाएगा. पीड़ित ने बताया कि टेंट में रहते थे और उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद 4 जनवरी को उन्हें लड़ने के लिए डोनेट्स्क भेजा गया था.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित ने बताया कि उन्हें लड़ने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्हें भागने का मौका मिला, वे हथियार फेंककर भाग निकले. लेकिन कुछ देर बाद वे पकड़े गए. इसके बाद उन्हें बंदूक की नोक पर धमकी दी गई. इसके बाद रूसी अधिकारियों ने उन्हें अपना सामान एक इमारत से दूसरी इमारत तक रखने के लिए कहा.
रूसी कमांडर ने उनसे पांच मीटर का अंतर रखते हुए चलने को कहा ताकि हम आसान निशाना न बनें. लेकिन थोड़ी देर में वहां फायरिंग होने लगी. इस दौरान एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई. पीड़ित ने बताया कि 22 जनवरी को वह जान बचाकर भागने में कामयाब रहा और एक अस्पताल में भर्ती हो गया.
रूस में फंसे इन लोगों के परिवारों ने फैसल खान नाम के एक एजेंट पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. परिवारों का दावा है कि उन्होंने मॉस्को में भारतीय दूतावास से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, दूतावास ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि, दूतावास की ओर से शिकायतों पर कार्रवाई करने की बात कही है.
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