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INS अरिघात ने उड़ाई 'दुश्मनों' की नींद! रडार में आए पाकिस्तान का इस्लामाबाद और चीन का युन्नान
INS अरिघात के भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद से ही चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. इसकी मारक क्षमता को पड़ोसी कम आंकने की भूल बिल्कुल नहीं कर सकते.

आईएनएस अरिघात को 29 अगस्त को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. ये न्यूक्लियर पनडुब्बी से पाकिस्तान और चीन दोनों ही देश सकते में आ गए हैं. आईएनएस अरिघात से न्यूक्लियर ट्रायड मजबूत हुआ है.
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इसमें नई तकनीक के सेंसर और पेरिस्कोप सहित कई उपकरण लगे होने की बात कही जा रही है. जाहिर तौर पर तकनीक से लैस होने की वजह से ये दुश्मन के लिए काफी घातक साबित होगा.
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INS अरिघात में मिसाइल हैच की संख्या दोगुनी होने की बात कही जा रही है. इस संबंध में नौसेना के सूत्रों ने बताया, 'ज्यादा मिसाइलें ले जाने में सक्षम है और इसमें ज्यादा शक्तिशाली रिएक्टर भी होंगे.’
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INS अरिघात बेहद कम शोर के लिए जाना जाता है यानी कि दुश्मन को इसकी आहट का पता भी नहीं चल सकेगा. ये 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से लैस होगा.
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इसमें चार मिसाइल लॉन्च ट्यूब हैं और ये 3,500 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली चार K-4 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) या लगभग 750 किलोमीटर की रेंज वाली बारह K-15 SLBM ले जा सकेगा.
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आईएनएस अरिघात परमाणु रिएक्टर लगे हुए हैं जिसकी वजह से वो कई महीनों तक पानी में डूबा रह सकता है.
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अगर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग से टारगेट किया जाए तो K-15 मिसाइल तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और चीन के युन्नान प्रांत में रणनीतिक लक्ष्यों पर निशाना साध सकती है.
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पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी की राजधानियों सहित कई अन्य हिस्सों को निशाना बनाने में सक्षम है. प्रोजेक्ट करके पूरे सिंध प्रांत को खतरे में डाला जा सकता है जिसमें आर्थिक केंद्र कराची भी शामिल है.
Published at : 04 Sep 2024 09:46 PM (IST)
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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