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18 हजार फीट की ऊंचाई और जानलेवा मौसम को भी मात देते हैं ITBP के हिमवीर! देश की रक्षा में जुटे सैनिकों की तस्वीरें खड़े कर देंगी रोंगटे

ITBP Himveer: एक तरफ जहां देश नए साल के जश्न की तैयारियों में लगा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ ये जश्न फीका न पड़ जाए इसके लिए भारत के वीर सपूत सरहदों की रक्षा में लगे हुए हैं, वो भी विषम परिस्थियों में.

ITBP Himveer: एक तरफ जहां देश नए साल के जश्न की तैयारियों में लगा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ ये जश्न फीका न पड़ जाए इसके लिए भारत के वीर सपूत सरहदों की रक्षा में लगे हुए हैं, वो भी विषम परिस्थियों में.

उत्तर भारत में सर्दी का सितम शुरू हो चुका है. ऐसे में लोग रजाई और कंबल में रहकर अपना समय गुजार रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बॉर्डर पर तैनात जवान वर्फीले रेगिस्तान में अपनी जान जोखिम में डालकर देश की हिफाजत कर रहे हैं.

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हिमालय पर तैनात इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के रक्षा का आलम ये है कि वो -20 से -40 डिग्री तापमान में सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं.
हिमालय पर तैनात इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के रक्षा का आलम ये है कि वो -20 से -40 डिग्री तापमान में सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं.
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8 से 19 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात होकर देश की सीमाओं की रक्षा करना आसान काम नहीं है. वो भी तब जब ऑक्सीजन की कमी हो और मौसम भी जानलेवा हो.
8 से 19 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात होकर देश की सीमाओं की रक्षा करना आसान काम नहीं है. वो भी तब जब ऑक्सीजन की कमी हो और मौसम भी जानलेवा हो.
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इन जवानों की तैनाती हिमालय वाले इलाकों में होती है. मसलन उत्तराखंड, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों के इलाके शामिल हैं.
इन जवानों की तैनाती हिमालय वाले इलाकों में होती है. मसलन उत्तराखंड, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों के इलाके शामिल हैं.
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कई बार तो मौसम इतना खतरनाक हो जाता है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऑक्सीजन बहुत कम हो जाती है.
कई बार तो मौसम इतना खतरनाक हो जाता है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऑक्सीजन बहुत कम हो जाती है.
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आईटीबीपी के इन हिमवीरों को स्कीइंग, मार्शल आर्ट्स और रेस्क्यू ऑपरेशन की खास ट्रेनिंग दी जाती है. इतना ही नहीं पर्यटकों की सुरक्षा और बचाव में भी ये जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
आईटीबीपी के इन हिमवीरों को स्कीइंग, मार्शल आर्ट्स और रेस्क्यू ऑपरेशन की खास ट्रेनिंग दी जाती है. इतना ही नहीं पर्यटकों की सुरक्षा और बचाव में भी ये जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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इन वीर जवानों का हौसला और ताकत ही है जो ऊंची पहाड़ियों पर भी देश की सरहदें महफूज हैं. गौरतलब है कि आईटीबीपी देश की भारत-चीन सीमा पर स्थित हिमालय की चौकियों पर तैनात है. कुछ चौकियां तो 9 हजार फीट से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं.
इन वीर जवानों का हौसला और ताकत ही है जो ऊंची पहाड़ियों पर भी देश की सरहदें महफूज हैं. गौरतलब है कि आईटीबीपी देश की भारत-चीन सीमा पर स्थित हिमालय की चौकियों पर तैनात है. कुछ चौकियां तो 9 हजार फीट से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं.
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हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में चुनौतीपूर्ण और कठिन इलाकों और जलवायु में सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की प्रशंसा की थी.
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में चुनौतीपूर्ण और कठिन इलाकों और जलवायु में सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की प्रशंसा की थी.
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उन्होंने कहा था, “देश को आईटीबीपी के जवानों पर गर्व है जो कठिन परिस्थितियों में भी सीमा की रक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के माध्यम से आईटीबीपी सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी गति दे रही है.”
उन्होंने कहा था, “देश को आईटीबीपी के जवानों पर गर्व है जो कठिन परिस्थितियों में भी सीमा की रक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के माध्यम से आईटीबीपी सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी गति दे रही है.”
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इसके अलावा, उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने आईटीबीपी कर्मियों के साथ एक दिन बिताया और उन्हें 'हिमवीर' कहा, जो देश की सीमाओं पर मातृभूमि की निस्वार्थ सेवा करते हुए सबसे चुनौतीपूर्ण जलवायु और ठंडे तापमान में तैनात हैं.
इसके अलावा, उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने आईटीबीपी कर्मियों के साथ एक दिन बिताया और उन्हें 'हिमवीर' कहा, जो देश की सीमाओं पर मातृभूमि की निस्वार्थ सेवा करते हुए सबसे चुनौतीपूर्ण जलवायु और ठंडे तापमान में तैनात हैं.

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