Jagannath Rath Yatra: धूमधाम से निकाली जा रही है रथयात्रा, देखें तस्वीरें
नों देवताओं को तीन पारंपरिक तौर पर बने लकड़ी के रथ- नंदीघोसा (जगन्नाथ के लिए), तलाध्वजा (बलभद्र के लिए) और देवदलन (सुभद्रा के लिए) पर बिठा कर ले जाया गया. रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस साल 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी गई.
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View In Appअतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रथयात्रा की व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं. हर रथ को खींचने के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी इसकी निगरानी कर रहा है.
रथयात्रा के दौरान पुरी शहर में सोमवार की रात आठ बजे से कफ्र्यू लागू रहेगा. इस दौरान लोग अपने घरों में ही रहंगे.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद रथयात्रा में शामिल होन वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था. कोरोना संक्रमित सेवायत को रथयात्रा में शामिल होने नहीं दिया गया है.
दूसरी ओर लगभग 200 वर्षों में पहली बार कानपुर में भगवान जगन्नाथ की यात्रा कोरोना संक्रमण काल के कारण नहीं निकाली गई. मंदिर में ही आषाढ़ सुदी द्बितीय को श्रीजगन्नाथ स्वामी व बहन सुभ्रद्र भ्राता बलभ्रद जी वैदिक का परंपरा के अनुसार पूजन व अभिषेक किया गया और छप्पन भोग लगाया गया.
ओडिशा के पुरी में भक्तों की अनुपस्थिति में पहली बार भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की वार्षिक रथ यात्रा निकाली गई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनता की उपस्थिति के बिना सीमित तरीके से इसे आयोजित करने के निर्देश के बाद वार्षिक उत्सव की शुरुआत की गई. पुजारियों ने भोर में 'मंगल आरती' का आयोजन किया. शंखनाद की ध्वनि, झांझ और ढोलक की थाप के साथ मंदिरों से देवताओं को रथ पर बिठाकर यात्रा की शुरुआत की गई.
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