Jama Masjid: जामा मस्जिद से लड़कियों की एंट्री पर लगे बैन का बोर्ड हटा, इमाम बुखारी ने याद दिलाई 'शुचिता'
जामा मस्जिद प्रशासन के सूत्रों ने कहा, तीन मुख्य प्रवेश द्वारों के बाहर कुछ दिन पहले नोटिस लगाये गये थे, जिन पर तारीख नहीं है. नोटिस में लिखा था, ‘‘जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है.’’
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View In Appस्वाति मालीवाल ने जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने के फ़ैसले को बिलकुल गलत माना है. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फ़ैसला बिलकुल ग़लत है. जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी. मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं. इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है.
विरोध के बाद जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया, ‘‘उप राज्यपाल ने मुझसे बात की. हमने नोटिस बोर्ड हटा दिये हैं. लेकिन मस्जिद देखने के लिए आने वाले लोगों को उसकी शुचिता बनाकर रखनी होगी.’’
सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘‘महिलाओं के प्रवेश पर कभी कोई प्रतिबंध नहीं था. वे आ सकती हैं और नमाज अदा कर सकती हैं और यहां तक कि घूम भी सकती हैं लेकिन किसी धार्मिक स्थल की शुचिता बनाकर रखनी होगी.’’
जामा मस्जिद के प्रशासन ने इसके मुख्य द्वारों पर नोटिस लगाया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में लड़कियों के अकेले या समूह में प्रवेश पर रोक है. इस फैसले पर विवाद शुरू होने के बाद शाही इमाम ने दिन में कहा था कि यह आदेश नमाज पढ़ने वालों के लिए नहीं है.
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