Doda Cracks Photos: आंसू, दर्द और घर छूट जाने का डर... इन तस्वीरों में झलक रही डोडा के लोगों की पीड़ा
जोशीमठ के बाद अब जम्मू कश्मीर के डोडा में लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. घरों के अंदर और बाहर बरामदे में दरारें आने लगी हैं. शुरुआत में हेयरलाइन दरार दिखने पर लोगों ने इसे भूकंप का नतीजा मानते हुए नजरअंदाज कर दिया था लेकिन अब यह दरारें इतनी विकराल हो गई हैं कि लोग बाहर रहने को मजबूर हो गए हैं.
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View In Appडोडा के थाथरी कस्बे में नई बस्ती में कुछ ही दिनों में अचानक हुए भू-धंसाव ने पूरे गांव को विनाश के कगार पर खड़ा कर दिया है. कोई विकल्प न मिलने पर लोग अपने घरों को छोड़ रहे हैं. सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. यहां तक की घर मलबे में दबने लगे हैं.
हालांकि, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (JSI) की एक टीम डोडा पहुंची और शनिवार (04 फरवरी) को क्षेत्र का आकलन किया. भूमि धंसने के कारण के बारे में पूछे जाने पर इसकी तुलना जोशीमठ में हाल में हुए त्रासदी से की जा रही है. फिलहाल टीम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
यहां भूमि धंसने से अब तक 22 घरों को नुकसान पहुंचा है और 300 लोग विस्थापित हुए हैं. लोग अपने बच्चों को लिए सड़क के किनारे बैठे हैं और बस रो रहे हैं. इन लोगों का घर दरारों के बीच इनसे छीन चुका है. थोड़ा बहुत सामान जो अपने साथ ला सकते थे वो सड़क के किनारे पड़ा है.
नई बस्ती गांव के रहने वाले एक 22 साल के युवक ओवैस का कहना है कि वह जोशीमठ जैसे संकट से डरते हैं. वह दिन-रात भूधंसाव आगे न फैले इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं. घरों से शीशे की खिड़की और दरवाजे हटा रहे हैं ताकि ज्यादा नुकसान से बच सकें.
इस समय यहां के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ घरों की तबाही और दूसरी तरफ आतंकवाद का खतरा. आतंकवादियों से बचने के लिए कई परिवार डोडा के ऊपरी इलाकों में बसे हुए हैं.
इस विनाश को देख लोगों की आंखें नम हैं. लोगों को अपने दशकों पुराने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में लोग सरकार से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं.
इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह घर में दरार पड़ चुकी है. घर कभी की गिरने की कगार पर खड़ा है. दरार पड़ने से घर झुकने लगा है. ऐसी ही कई और इमारतें हैं जो खतरे की जद में हैं.
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