M4 राइफल, स्टील की बुलेट... पुंछ में IAF जवानों पर हमले में बड़ा खुलासा, चीन कनेक्शन आया सामने
सुरक्षाबलों को हमले वाली जगह स्टील की बुलेट मिली हैं. आमतौर पर गन में पीतल की गोलियां इस्तेमाल की जाती हैं. लेकिन आतंकियों ने इस हमले में स्टील की गोलियां का इस्तेमाल किया.
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View In Appसमाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने अमेरिकी M4 कार्बाइन और एके 47 बंदूक से वायुसेना के जवानों पर फायरिंग की थी. इन बंदूकों में आतंकियों ने स्टील की गोलियों का इस्तेमाल किया. स्टील की ये गोलियां बुलेटप्रूफ वाहनों को भी भेद सकती हैं.
पिछले दिनों स्टील की गोलियों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी. इसमें दावा किया गया था कि चीन में स्टील की बुलेट्स का निर्माण हो रहा है. इन बुलेट्स को चीन से पाकिस्तान भेजा जाता है. इसके बाद पाकिस्तान की सेना द्वारा इन बुलेट्स को आतंकियों को दिया जाता है. अब जम्मू कश्मीर में भी इन स्टील की बुलेट्स के इस्तेमाल का मामला सामने आया है. स्टील की बुलेट्स पीतल की गोलियों से ज्यादा घातक होती हैं.
इससे पहले आतंकियों ने 23 अप्रैल को पुंछ में सेना के ट्रक पर आतंकी हमला किया था. इस दौरान भी आतंकियों द्वारा इन्हीं बुलेट्स का इस्तेमाल किया गया था. ट्रक पर हमले के बाद से आतंकी सैनिकों के हथियार को लेकर फरार हो गए थे.
आतंकियों ने पुंछ के सुरनकोट तहसील के बकराबल (सनाई) इलाके में शनिवार को वायुसेना के जवानों पर हमला किया था. इस हमले में वायुसेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे. आतंकी इस हमले को अंजाम देकर जंगली इलाकों में फरार हो गए थे.खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के विदेशी आतंकवादी अबू हमजा के नेतृत्व में किया गया.
हमले के बाद स्थानीय पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल के जवान इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.रविवार को भी पुंछ के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया. यह सोमवार तक जारी है. सेना ने सर्च ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया. इस दौरान पैरा कमांडो को भी तलाशी अभियान में लगाया गया.
पुंछ में इससे पहले आतंकियों ने 21 दिसंबर, 2023 को भी हमले को अंजाम दिया था. बफलियाज के डेरा की गली इलाके में हुए इस हमले में सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे. पुलिस के मुताबिक, अबू हमजा 22 अप्रैल को राजौरी जिले के थानामंडी इलाके के कुंडा टॉप गांव में 40 वर्षीय सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रज्जाक की हत्या के लिए भी जिम्मेदार है. रज्जाक समाज कल्याण विभाग में कार्यरत थे, जबकि उनके भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी प्रादेशिक सेना में कार्यरत हैं.
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