Justice S Abdul Nazeer: रिटायर्ड जस्टिस एस अब्दुल नजीर संग राम मंदिर का फैसला सुनाने वाले वाले बाकी जज क्या कर रहे हैं?
दरअसल जस्टिस नज़ीर सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक 2019 के फैसले सहित कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे थे. उनके साथ ये फैसला पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अशोक भूषण की 5-जज की बेंच ने सुनाया था. तो अब कहां हैं ये जज?(फोटो- ANI)
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View In Appजस्टिस एस अब्दुल नज़ीर जनवरी 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए थे. इसके एक महीने बाद ही उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया. अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में सर्वसम्मति से फैसला सुनाने वाली 5 न्यायाधीशों वाली बेंच में वो अकेले मुस्लिम जज थे. उन्होंने रिटायरमेंट से ठीक पहले केंद्र की 2016 की नोटबंदी नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया था. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर फैसला सुनाने वाली बेंच में शामिल होने की वजह से जस्टिस अब्दुल नजीर इस नियुक्ति पर विपक्षी पार्टियां ऐतराज जता रही हैं.(फोटो- Getty)
जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर, 2019 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई पद से रिटायर हुए. 4 महीने बाद उन्हें राष्ट्रपति ने राज्यसभा में संसद सदस्य के तौर पर नामित किया. एमपी के तौर पर राज्यसभा में सांसद के तौर बैठने वाले वो सुप्रीम कोर्ट के तीसरे जज बने और इस सीट के लिए नामांकित होने वाले पहले सुप्रीम कोर्ट के जज हैं(फोटो-Getty)
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल, 2021 को भारत के मुख्य न्यायाधीश से रिटायर हुए. उन्होंने भारत के 47 वें सीजेआई के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई की जगह ली. सुप्रीम कोर्ट में 8 साल के कार्यकाल रिटायर होने के बाद उन्होंने कोई आधिकारिक सार्वजनिक पद नहीं संभाला है. वह महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई और महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर हैं.(फोटो -@rashtrapatibhvn)
जस्टिस डी चंद्रचूड़ डी वाई चंद्रचूड़ भारत के सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सीजेआई हैं. उन्होंने नवंबर 2022 में भारत के 50वें सीजेआई के तौर पर शपथ ली वो न्यायमूर्ति यूयू ललित के उत्तराधिकारी बने थे. वह भारत के सबसे लंबे वक्त तक सेवा करने वाले भारत के सीजेआई जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं.जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो साल नवंबर 2024 तक होगा. (फोटो- PTI)
जस्टिस अशोक भूषण जुलाई 2021 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए. उन्हें 4 महीने बाद नवंबर 2021 में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal -NCLAT) का अध्यक्ष बनाया गया. एनसीएलएटी अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस भूषण का कार्यकाल 4 साल का है. अक्टूबर 2021 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इस पद पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी. (फोटो- ANI)
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