ऋतु बाहरी बनीं उत्तराखंड हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस, जानें न्याय पालिका में महिलाओं की कितनी भागीदारी
जस्टिस ऋतु बाहरी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली है. वह उत्तराखंड हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस हैं. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) ने उन्हें चीफ जस्टिस की शपथ दिलवाई.
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View In Appऋतु बाहरी हाईकोर्ट चीफ जस्टिस बनने से पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस थीं. जस्टिस ऋतु के इस पद तक पहुंचने के बाद देश में महिला जजों की स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. आइए आज आपको ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब बताते हैं.
सवाल: देश में महिला जजों की क्या स्थिति है? जवाब-सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक में महिला जजों की संख्या बेहद कम है. निचली अदालतों में महिला जजों की स्थिति छोड़ी अच्छी है. गोवा, मेघालय, सिक्किम जैसे राज्यों में कुल जजों का 60 फीसदी महिलाएं हैं, जबकि ज्यादातर राज्यों में निचली अदालतों में 20 से 30 फीसदी जज महिलाएं हैं.
सवाल: सुप्रीम कोर्ट में कितनी महिलाएं जज हैं? जवाब-सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को मिलाकर 34 जज हैं. इनमें से सिर्फ तीन ही महिला जज हैं, जिनमें जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी शामिल हैं.
सवाल: अब तक सुप्रीम कोर्ट में कितनी महिलाएं जज बनीं हैं? जवाब-इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में अब तक 268 जज हुए हैं, जिसमें 11 महिला रही हैं. इनके नाम जस्टिस सुजाता मनोहर, रूमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना देसाई, आर. भानुमति, इंदु मल्होत्रा, इंदिरा बनर्जी, फातिमा बीवी, हिमा कोहली, बी.वी. नागरत्ना और बेला एम. त्रिवेदी हैं.
सवाल: हाईकोर्ट में कितनी महिलाएं हैं जज? जवाब-इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 25 हाईकोर्ट्स में 782 जज हैं, जिनमें से सिर्फ 107 ही महिलाएं हैं. ये कुल जजों का महज 13 फीसदी है. सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि जजों के 1,114 पद हैं, जिनमें से 332 पद खाली हैं.
सवाल: अब तक किन किन हाई कोर्ट में महिलाएं चीफ जस्टिस बनीं? जवाब-देश के 25 हाईकोर्ट में से बॉम्बे, कलकत्ता, कर्नाटक, केरल, उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, मद्रास, मेघालय, ओडिशा, पटना, पंजाब-हरियाणा और तेलंगाना हाईकोर्ट में महिलाएं चीफ जस्टिस रही हैं. इसके अलावा इलाहाबाद, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुवाहाटी, मणिपुर, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा हाईकोर्ट में एक भी महिला चीफ जस्टिस नहीं रही हैं.
सवाल: निचली अदालतों का हिसाब-किताब क्या है? जवाब-विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी ने 2018 की अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि देश की निचली अदालतों में 15000 से ज्यादा जज हैं. गोवा, मेघायल और सिक्किम की निचली अदालतों में 60 फीसदी जज महिलाएं रहीं. तेलंगाना, पुडुचेरी को छोड़कर बाकी के अन्य राज्यों की निचली अदालतों में महिला जजों की हिस्सेदारी 40 फीसदी ही रही. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मुकाबले निचली अदालतों में महिला जजों की भागीदारी अच्छी है.
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