Kanwar yatra 2023: महादेव के दर्शन करने कांवड़िए चले बाबा के धाम, तस्वीरों में देखें गजब नजारे
श्रावण का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है इस महीने की शुरुवात होते ही भक्त कांवड़ लेकर महादेव के दर्शन करने निकल जाते हैं.
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View In Appकांवड़ यात्रा में भक्त गंगा से जल लेकर भगवान शिव पर अर्पित करते हैं. इन भक्तों को कांवड़िया नाम कहा जाता है.
इस बार की कांवड़ यात्रा में कांवड़िया रंग-बिरंगी कांवड़ें लेकर निकल रहे हैं, कहीं भारी भरकम जार लेकर चलता भक्त तो कहीं महादेव की झांकी निकाली जा रही है.
एक युवक आज के जमाने का श्रवण कुमार बन अपने माता पिता को कांवड़ में बिठाकर महादेव के दर्शन के लिए जा रहा है.
भक्तों पर महादेव की भक्ति का ऐसा क्रेज है कि श्रद्धालुओं की दिव्यांगता भी उनकी भक्ति के आगे छोटी पड़ जाती है.
नियम के अनुसार कांवड़ों को गंगा नदी से जल लेकर महादेव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर वो जल चढ़ाना होता है. इससे उनकी मांगी हुई मन्नत पूरी होती है.
कांवड़ यात्रा के इतिहास से जुड़ी कई मान्यताएं हैं उसमें से एक ये है कि कांवड़ यात्रा की ये प्रथा भगवान शिव के परम भक्त परशुराम ने शुरु की थी.
हर साल हजारों लोग नंगे पैर इस यात्रा को पूरा करते हैं. कहा जाता है कि कांवड़ियों को साधु के भेष में कांवड़ उठाना होता है और कई कठोर नियमों का पालन भी करना पड़ता है.
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