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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
फिंगर एरिया से चीन ने सैनिकों, बंकर्स और मिसाइल बेस हटाए, देखें डिसइंगेजमेंट की तस्वीरें
एक वीडियो में बड़ी तादाद में चीनी सैनिक एक लाइन से अपने बैरक में जाते हुए दिख रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, चीनी सेना के ये सैनिक पिछले नौ महीने से फिंगर एरिया में तैनात थे और अब सिरेजैप और खुरनाक फोर्ट की तरफ जा रहे हैं. सिरिजैप में चीनी सेना की स्थायी चौकी है और खुरनाक फोर्ट में पीएलए आर्मी की छावनी है.
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View In Appभारतीय सेना ने जो डिसइंगेजमेंट के नए वीडियो जारी किए हैं, उनमें चीनी सेना पैंगोंग-त्सो के दक्षिण छोर से भी कैलाश हिल रेंज को खाली कर रही है. पैंगोंग-त्सो के दक्षिणी छोर से लेकर रेचिन ला दर्रे तक करीब 60 किलोमीटर इलाकों को दोनों देशों की सेनाओं को खाली करना है.
(डिसइंगेजमेंट की तस्वीरें)
भारतीय सेना ने चीनी सेना के फिंगर एरिया से 'डिइंडक्शन' के वीडियो जारी किए हैं, उसमें साफ तौर से देखा जा सकता है कि चीनी सैनिक अपने संघड़ यानि पत्थर से बने अस्थाई बंकर तोड़ रहे हैं. साथ ही बंकर की छत से पोलेथिन की चादर हटा रहे हैं. कुछ सैनिक जेनरेटर इत्यादि ले जाते हुए दिख रहे हैं.
(डिसइंगेजमेंट की तस्वीरें)
साथ ही यहां बनाए गए डिफेंस-फोर्टिफिकेशन को चीनी सेना के जेसीबी तोड़ते और जमीन को समतल करते दिखाई दिए.
क्योंकि यहां पर दोनों देशों की सेनाओं की एक दूसरे से मात्र 40-50 मीटर की दूरी थी. यहां पर दोनों देशों की आर्म्ड और मैकेनाइज्ड फोर्सेज़ यानि टैंक, आईसीवी व्हीकल्स (बीएमपी इत्यादि) और हैवी-मशीनरी तैनात थी. नए वीडियो में चीनी सेना के टैंक पीछे जाते दिख रहे हैं.
चीनी सेना के टैंक और दूसरे आर्मर्ड व्हीकल्स मोल्डो गैरिसन से कुछ दूरी पर रोहटगो बेस पर जा रहे हैं, तो भारतीय सेना के चुशुल ब्रिगेड हेडक्वार्टर और करीब ही लोमा और नियोमा तक पीछे हट गए हैं.
आपको बता दें कि डिसइंगेजमेंट समझौते के तहत चीनी सेना को फिंगर 4 से फिंगर 8 तक का पूरा इलाका खाली करना है और जितना भी डिफेंस-फोर्टिफिकेशन पिछले नौ महीने में किया था, वो सब तोड़ना है. इसी तरह से भारतीय सेना को फिंगर 4 से पीछे हटकर फिंगर 3 पर बनी अपनी स्थायी चौकी, धन सिंह थापा पोस्ट पर पहुंचना है.
इस बीच ओपन सोर्स इंटेलीजेंस एकाउंट्स पर फिंगर 4 के बाद की सैटेलाइट इमेज भी सामने आई हैं. जिसमें फिंगर-4 से खाली किया गया इलाका साफ तौर से दिखाई पड़ रहा है.
इसके अलावा फिंगर एरिया में चीनी सेना का एक फील्ड हॉस्पिटल भी था, उसे भी हटा लिया गया है. जानकारी के मुताबिक, चीनी सेना ने फिंगर एरिया में अपना हैलीपैड और पैंगोंग-त्सो लेक पर बनी जेट्टी (बोट खड़ा करने की जगह) को भी तोड़ दिया है. इसके अलावा जेट्टी पर चीनी भाषा (‘मैंड्रिन’) में लिखा बोर्ड भी हटा लिया है.
इसके अलावा एक वीडियो में चीनी सेना के ट्रक और हैवी व्हीकल्स दिखाई पड़ रहे हैं. इनमें चीनी सेना का गोला-बारूद और दूसरा वॉर-स्टोर लादा जा रहा है. सैनिकों को भी ट्रक से वापस बैरक भेजा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, चीनी सेना ने फिंगर 7 पर जो अपना मिसाइल बेस और तोपों की तैनाती कर रखी थी, वो भी हटा ली गई हैं. पिछले नौ महीने से चीनी सेना ने फिंगर 7 पर अपनी तोप लगा रखी थीं.
सूत्रों की मानें तो फिंगर एरिया में चीनी सेना के अब कुछ ही टेंट और बैरक रह गए हैं. वे सब भी अगले कुछ दिनों में बिल्कुल साफ हो जाएंगे. क्योंकि फिंगर एरिया को डिसइंगेजमेंट के एक हफ्ते के भीतर पूरी तरह साफ करना था.
भारतीय सेना ने मोबाइल से और ड्रोन की मदद से इन वीडियो को बनाया है. क्योंकि डिसइंगेजमेंट समझौते में साफ तौर से लिखा गया था कि जो भी इस दौरान प्रक्रिया होगी उसको वेरीफाइ किया जाएगा. इसका उल्लेख रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दिए अपने भाषण में भी किया था—‘फेस्ड, कोऑर्डिनेटेड एंड वेरीफाइवेल’ डिसइंगेजमेंट.
एलएसी के सबसे विवादित इलाके, फिंगर एरिया से चीनी सेना ने अपने सैनिकों और बंकर्स के साथ साथ मिसाइल बेस और तोपखाने को भी हटा लिया है. अगले कुछ दिनों में चीनी सेना पूरी तरह से फिंगर एरिया खाली करने जा रही है. इस बाबत भारतीय सेना ने चीनी सेना के डिसइंगेजमेंट के वीडियो जारी किए हैं.
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