लॉरेंस बिश्नोई और दाउद इब्राहिम में वो कौन सी बात है कॉमन, जिसकी वजह से गैंगस्टर की होती है डॉन से तुलना?
लॉरेंस बिश्नोई के पिता पंजाब पुलिस में सिपाही के पद पर पोस्ट थे और न सिर्फ लॉरेंस बिश्नोई बल्कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पिता भी पुलिस में ही थे.
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View In App31 साल के लॉरेंस बिश्नोई ने गैंग के लिए बहुत लंबी प्लानिंग की हुई है. यही कारण है कि NIA ने चार्जशीट में यह कहा था कि बिश्नोई सिंडिकेट दाऊद इब्राहिम की तरह खड़ा कर रहा है.
दाऊद इब्राहिम ने 90 के दशक में सिंडिकेट खड़ा कर दिया था. एक्सटॉर्शन, ड्रग नेटवर्क, रंगदारी और फायरिंग करवा के डर पैदा किया और खुद का बड़ा गैंग खड़ा कर लिया.
दाऊद इब्राहिम की तरह लॉरेंस बिश्नोई ने भी गैंग में 700 से ज्यादा शूटरों को भरा है. बिश्नोई के यह शूटर देश के पांच राज्यों में एक्टिव है. न केवल राज्य बल्कि बिश्नोई का नेटवर्क पांच देशों में फैला है.
बिश्नोई की गैंग से युवा ज्यादा जुड़ रहे हैं. लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के सोशल मीडिया पर सैकड़ों पेज बने हैं. बड़ी संख्या में नौजवान इस गैंग से जुड़ने के लिए उनसे कांटेक्ट करते हैं और गैंग में शामिल होने के लिए उन्हें टास्क भी दिया जाता है. ऐसा ही बाबा सिद्दीकी के मामले में देखा गया. सिद्दीकी की हत्या करने वाले शूटरों का पिछला कोई रिकॉर्ड नहीं था.
दाऊद इब्राहिम ने 90 के दशक में जब गैंग को पूरी तरह से खड़ा किया तो युवा लड़के दाऊद की गैंग “डी कंपनी” से जुड़ने लगे थे. ठीक ऐसा ही आज युवा लॉरेंस बिश्नोई की गैंग से जुड़ते हैं.
मुंबई हमले के बाद दाऊद इब्राहिम पर देशद्रोह के आरोप लगे थे, लेकिन लॉरेंस बिश्नोई खुद को देशभक्त कहता है. गोल्डी बराड़ ने खुद कहा था कि वह खालिस्तानी आतंकियों, दाऊद इब्राहिम और डी कंपनी के खिलाफ है और उनको मारने वालों में शामिल होगा. उसने कहा था दाऊद इब्राहिम और डी कंपनी के लोग वह है, जिन्होंने हमारे देश में आतंकवादी हमले कराए हैं और इनसे हमारा कोई लेना देना नहीं है
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