LCH प्रचंड ने तुर्की का घमंड किया चकनाचूर, नाइजीरिया भी खरीद रहा भारत का ये हेलिकॉप्टर; जानें खासियत
भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर यानी LCH प्रचंड ने तुर्की के घमंड को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया है. तुर्की, जिसने अपने T129 80 AK हेलीकॉप्टर को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. अब भारत के प्रचंड के सामने पूरी तरह से पिछड़ गया है.
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View In Appखास बात यह है कि नाइजीरिया जो अपने सैन्य बेड़े को और भी ज्यादा मजबूत करना चाहता है. वह अब भारत के LCH प्रचंड को अपनी सेना में शामिल करने की दिशा में बढ़ रहा है.
भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL की और से निर्मित एक अत्याधुनिक हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर है. यह हेलीकॉप्टर न केवल हल्का है बल्कि ऊंचाई पर उड़ान भरने की अद्भुत क्षमता भी रखता है. यह दुनिया का इकलौता हेलीकॉप्टर है जो इतनी ऊंचाई पर युद्ध क्षेत्र में लड़ सकता है. इसके मुकाबले में तुर्की का T129 80 AK हेलीकॉप्टर खड़ा था, जिसे तुर्की ने बहुत बड़े दावों के साथ पेश किया था, लेकिन जब बात युद्ध क्षमता और प्रदर्शन की आई तो भारत के LCH प्रचंड ने तुर्की के सभी दावों को गलत साबित कर दिया.
नाइजीरिया जो अपनी सेना को उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने के लिए आधुनिक बना रहा है. भारत के LCH प्रचंड को अपने सैनिक बेड़े में शामिल करने के लिए अंतिम चरण में पहुंच चुका है. इससे यह साफ होता है कि प्रचंड की युद्ध क्षमता और प्रदर्शन ने नाइजीरिया को प्रभावित किया है. नाइजीरिया के लिए प्रचंड अब सिर्फ एक हेलीकॉप्टर नहीं बल्कि एक ताकतवर हथियार साबित हो सकता है, जो देश को उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा.
तुर्की ने अपने हेलीकॉप्टर को दुनिया के सामने यह बोलकर पेश किया था कि यह किसी भी युद्ध क्षेत्र में जाकर लड़ने की क्षमता रखता है, लेकिन भारत के LCH प्रचंड के सामने तुर्की के सभी दावे फीके पड़ गए. भारत का प्रचंड न केवल कम लागत का कुशल हेलीकॉप्टर है बल्कि इसकी युद्ध क्षमताएं भी काफी ज्यादा है.
भारत के प्रचंड की खासियत यह है कि यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 288 मील प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है. इसमें लड़ाकू विमान रेडियस 500 किलोमीटर है और 21000 फीट की सर्विस लिमिट है. इसका मतलब यह है कि यह दुनिया के सबसे उंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर उड़ान भी भर सकता है और युद्ध में भी जोरदार प्रदर्शन कर सकता है.
वहीं पायलट और को पायलट वेपन सिस्टम ऑपरेटर के रूप में जाने जाते हैं. 20 एमएम की एक गन हेलीकॉप्टर के सामने लगी होती है जो 2 किलोमीटर तक की दूरी से प्रति मिनट 800 राउंड फायर करने की क्षमता रखती है. वहीं स्टब विंग पर 70 MM रॉकेट पॉड लगाया गया है, जिसकी डायरेक्ट और इनडायरेक्ट फायरिंग रेंज 4 और 8 किलोमीटर तक है.
भारत न केवल अपने देश के लिए बल्कि दूसरे देशों के लिए भी सैन्य उपकरण बन रहा है. प्रचंड से यह तो साफ हो गया है कि भारत तुर्की जैसे देश को वैश्विक हथियार बाजार में कड़ी टक्कर दे रहा है. बहरहाल भारत का प्रचंड तुर्की के T129 हेलीकॉप्टर को हर मोर्चे पर पछाड़ चुका है.
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