Lok Sabha Elections 2024: कैसा होता है इंटरनेशनल बॉर्डर पर पोलिंग बूथ, देखें Exclusive तस्वीरें
देश की सीमा पर बने भारत के पहले बूथ पर को कीले जैसी सुरक्षा में तब्दील कर दिया है. भारत और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की अतिरिक्त तैनाती है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालूरघाट लोकसभा क्षेत्र मे हिली नाम के इलाके मे ठीक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर दो मतदान केन्द्र बने हैं.
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View In Appबूथ नंबर 148 और 162 भारत की सीमा पर हैं और दोनों ही बूथ कंटीले तारों से घेरे हुए हैं. यह बूथ श्रीकृष्णपुर गांव के प्राइमरी स्कूल में है, जिसे आप भारत का पहला बूथ भी कह सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस पहले गांव की बात करते हैं उनमें से एक इस गांव को भी कहा जा सकता है.
भारत की सीमा के बाद 150 मीटर तक फेन्स के बाद भी भारत के ही गांव हैं, जहां बने इन बूथ में करीब हजार वोटर हैं. भारत की सीमा की सुरक्षा जिम्मेदारी यू तो बीएसएफ की है, लेकिन चुनाव के समय इस बार पहली बार बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जाएगा तो इन इलाकों से भारत की सीमा के भीतर आकर वोट करने वालों को कोई अतिरिक्त कार्ड जमा नहीं करना पड़ेगा.
बीएसएफ रायगंज सेक्टर के सीओ बिपिन कुमार ने कहा कहा, आम तौर पर सामान्य दिनों में अपने दस्तावेज जमा करके जाना होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं करना पड़ेगा. इस बार वो अपने परिचय-पत्र के साथ जा सकेंगे और अगर मतदान मे देरी हुई तो उन्हे शाम 6 बजे के बाद भी लौटने की अनुमति दी जाएगी.
भारत और बांग्लादेश की सीमा कई राज्यों से गुजरते हुए करीब चार हजार किलोमीटर लंबी है, जिसमें सबसे लंबी दो हजार किलोमीटर की पश्चिम बंगाल में है. बंगाल में हमेशा हिंसा का इतिहास रहा है, इसलिए यहां के बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान होना बहुत बड़ी बात होती है.
इन क्षेत्रों में किस बात पर झगड़ा हो जाए और कोई भी बाहर का आदमी घुसपैठ न कर सके, इसलिए चाक चौबंद व्यवस्था करना बीएसएफ के लिए अनिवार्य हो जाता है. यहां रहने वाले लोगों को सुनकर ऐसा लगता है कि बॉर्डर वाले इलाकों पर भी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी शासित केंद्र सरकार की लड़ाई जारी है.
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