Maha Kumbh 2025: जब 20 हजार 228 रुपये में हो गया था महाकुंभ, कैसे हर साल बढ़ता गया खर्च
महाकुंभ धार्मिक के साथ-साथ आर्थिक दृष्टिकोण के भी बहुत महत्वपूर्ण है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक महाकुंभ 2025 के आयोजन का अनुमानित बजट 6,382 करोड़ रुपये है, जिसमें से 5,600 करोड़ रुपये पहले ही इवेंट मैनेजमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए आवंटित किए जा चुके हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appवहीं साल 2019 के महाकुंभ पर सरकार ने 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए थे. उत्तर प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार के.वी. राजू का दावा है कि 45 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम नगरी आने से प्रदेश में दो लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक वृद्धि होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के मुताबिक साल 1882 में महाकुंभ के आयोजन में 20,228 रुपये खर्च हुए थे. उस समय की सरकार को 49,840 रुपये का टैक्स प्राप्त हुआ था. उस महाकुंभ मेले में 29,612 रुपये का लाभ हुआ था. इसके बाद महंगाई और श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के साथ-साथ महाकुंभ में होने वाला खर्च भी बढ़ता गया.
महाकुंभ 2025 में किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है. इसके लिए सरकार और प्रशासन ने मिलकर सैकड़ों टीमें बनाई है. यमुना नदी के तट पर बने किला घाट को स्नानार्थियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है. वहीं, यमुना नदी पर स्थित सरस्वती घाट स्नान और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा.
प्रशासन ने बताया कि गंगा नदी के तट पर काली घाट, छतनाग घाट और यमुना नदी के तट पर मोरी घाट और महेवा घाट का निर्माण किया गया है. हर घाट पर अलग-अलग प्रतीक चिह्न (डमरु, त्रिशूल आदि) लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को घाटों की पहचान में आसानी हो.
महाकुंभ में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए प्रशासन ने तैयारियों को तेज कर दिया है. इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी सहारा लिया जा रहा है, ताकि महाकुंभ नगर में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -