Photos: 900 मीटर लंबे महाकाल कॉरिडोर में हजारों सालों का धर्म इतिहास, फव्वारे और 50 से ज्यादा भित्ति चित्र, जानिए इसकी खासियत
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में नवनिर्मित 'महाकाल लोक' में भव्य प्रवेश द्वार, फव्वारों सहित शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा चित्रों की श्रृंखला बनाई गई है. उज्जैन में बना 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल कॉरिडोर भारत में अब तक निर्मित ऐसे सबसे बड़े गलियारों में से एक है.
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View In Appकरीब साढ़े तीन साल की मेहनत के बाद महाकाल लोक के हर कोने को इस तरह पत्थरों को तराश कर महाकाल का ऐसा भव्य परिसर तैयार किया गया है जहां आंखें बस निहारती रह जाएंगी. यहां भगवान शिव, शक्ति और धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां लगाई गई हैं..
महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. दो हेक्टेयर में बने मंदिर परिसर के लिए करीब 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे. भगवान शिव के अलावा यहां भैरव, गणेशजी, माता पार्वती और अन्य देवताओं की 200 मूर्तियां बनाई गई है. इसके कुल खर्च में से 21 करोड़ रुपए मंदिर समिति खर्च करेगी.
महाकाल कॉरिडोर का निर्माण ऐतिहासिक शहर उज्जैन के प्राचीन गौरव पर जोर देने के लिए है. यही कारण है कि इसके निर्माण में प्राचीन मंदिर वास्तुकला का इस्तेमाल हुआ है, जहां लोगों को तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. धार्मिक महत्व वाली कई चीजों का इस्तेमाल किया गया है.
महाकाल लोक के उद्घाटन को लेकर शिव भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी से इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए अनुरोध किया था. इस प्रोजेक्ट का पहला चरण लगभग 350 करोड़ रुपए लागत का है.
इसे पूरे परिसर को घूमने में 5-6 घंटे का समय लगेगा लेकिन इस वक्त में हजारों सालों का धर्म इतिहास जीवित हो उठेगा. यहां कि दीवार पर शिवपुराण से ली गई कथाओं को उकेरा गया है. पत्थरों के जरिये भोलेनाथ के विवाह को दिखाया गया है. शिव विवाह का स्टोन से बना म्यूरल देश में सबसे बड़ा 132 फीट और 6 फीट चौड़ा है.
पीएम मोदी सुबह 11 बजे इसका लोकार्पण करने जा रहे हैं. यह कॉरिडोर पुरानी रुद्रसागर झील के पास है, जिसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है.
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