क्या है फडणवीस का वो ऑडिट प्लान, जो खत्म कर रहा रूठे नेताओं की नाराजगी?
महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार में 39 मंत्रियों ने शपथ ली, जिससे मंत्रिमंडल में कुल 42 मंत्री हो गए हैं. महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी को 19 मंत्री पद मिले. एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 9 मंत्री पद मिले.
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View In Appविधायकों की नाराजगी को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र में ढाई साल वाला फार्मूला अपनाया गया है. यानि कि कुछ मंत्रियों का कार्यकाल ढाई साल का होगा इसके साथ ही बचे हुए कार्यकाल के लिए अन्य नेताओं को अवसर दिया जाएगा.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से बाहर रखे गए प्रमुख नेताओं में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े छगन भुजबल, दिलीप वालसे पाटिल और भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार शामिल है.
इस कैबिनेट विस्तार में 33 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो वहीं 6 नेताओं ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
रविवार (15 दिसंबर, 2024) को नागपुर में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ, लेकिन उसके कुछ देर पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और कहा कि कार्यकाल ढाई साल का होगा तो वहीं अन्य ढाई साल दूसरों को भी मौका दिया जाएगा.
महायुति में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को भी मंत्री पद नहीं मिल पाया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने निराशा जताते हुए कहा कि उन्हें कम से कम एक मंत्रालय देने का वादा किया गया था, लेकिन मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी का एक भी मंत्री नहीं है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना नेता नरेंद्र भोंडेकर ने कोई मंत्रालय नहीं दिए जाने से नाराज होकर पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है.
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