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Manmohan Singh Death: जब भारत आया पाकिस्तानी मुस्लिम दोस्त तो मनमोहन सिंह ने दी उसे ये कीमती चीज

Manmohan Singh Died: PM बनने के बाद मनमोहन सिंह ने बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली को पगड़ी, शॉल और घड़ियों का सेट दिया. अली ने उन्हें गाह गांव की तस्वीर, शॉल और उनकी पत्नी के लिए सूट भेंट किया.

Manmohan Singh Died: PM बनने के बाद मनमोहन सिंह ने बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली को पगड़ी, शॉल और घड़ियों का सेट दिया. अली ने उन्हें गाह गांव की तस्वीर, शॉल और उनकी पत्नी के लिए सूट भेंट किया.

मनमोहन सिंह जी जब साल 2004 में भारत के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें पाकिस्तान से भी बधाइयां मिलीं. ऐसा इसलिए क्योंकि मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ था जो तब भारत का हिस्सा था. भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था. मनमोहन सिंह का भारत में शिक्षा और करियर की शुरुआत पंजाब यूनिवर्सिटी से हुई और फिर वह प्रधानमंत्री बनने तक एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री के रूप में उभरकर सामने आए.

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जब मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्री बनने की खबर उनके जन्मस्थान यानि पाकिस्तान के गाह गांव में पहुंची तो वहां के लोग खुशी से झूम उठे उनके बचपन के दोस्त और जानने वाले लोग काफी खुश हुए. इसी बीच 2008 में मनमोहन सिंह के बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली दिल्ली में उनसे मिलने पहुंचे. वे अपने भतीजे के साथ पीएम से मिलने आए थे.
जब मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्री बनने की खबर उनके जन्मस्थान यानि पाकिस्तान के गाह गांव में पहुंची तो वहां के लोग खुशी से झूम उठे उनके बचपन के दोस्त और जानने वाले लोग काफी खुश हुए. इसी बीच 2008 में मनमोहन सिंह के बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली दिल्ली में उनसे मिलने पहुंचे. वे अपने भतीजे के साथ पीएम से मिलने आए थे.
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मनमोहन सिंह और राजा मोहम्मद अली बचपन के बहुत अच्छे दोस्त थे और एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे. सालों बाद जब दोनों मिले तो एक-दूसरे को उन्होंने गले लगाते हुए पुराने दिनों को याद किया. इस मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजा मोहम्मद अली को तोहफे में पगड़ी, टाइटन की घड़ी का एक सेट और शॉल दी. वहीं उनके दोस्त ने पीएम को गाह गांव की एक तस्वीर भेंट की. साथ ही 100 साल पुरानी शॉल और उनकी पत्नी के लिए दो कढ़ाई वाले सूट दिए.
मनमोहन सिंह और राजा मोहम्मद अली बचपन के बहुत अच्छे दोस्त थे और एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे. सालों बाद जब दोनों मिले तो एक-दूसरे को उन्होंने गले लगाते हुए पुराने दिनों को याद किया. इस मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजा मोहम्मद अली को तोहफे में पगड़ी, टाइटन की घड़ी का एक सेट और शॉल दी. वहीं उनके दोस्त ने पीएम को गाह गांव की एक तस्वीर भेंट की. साथ ही 100 साल पुरानी शॉल और उनकी पत्नी के लिए दो कढ़ाई वाले सूट दिए.
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राजा मोहम्मद अली अकेले पाकिस्तान से दिल्ली आए थे और करोल बाग में अपने भतीजे महमूद अली के पास ठहरे थे. जब मनमोहन सिंह को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत उनके लिए एक सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने की व्यवस्था की. ये उनके दोस्त के प्रति उनके स्नेह और सम्मान का प्रतीक था.
राजा मोहम्मद अली अकेले पाकिस्तान से दिल्ली आए थे और करोल बाग में अपने भतीजे महमूद अली के पास ठहरे थे. जब मनमोहन सिंह को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत उनके लिए एक सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने की व्यवस्था की. ये उनके दोस्त के प्रति उनके स्नेह और सम्मान का प्रतीक था.
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. 26 दिसंबर गुरुवार की रात 9:51 बजे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. 26 दिसंबर गुरुवार की रात 9:51 बजे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया.
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मनमोहन सिंह ने अपना करियर एक अर्थशास्त्री के तौर पर शुरू किया था. उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और वित्त मंत्री जैसे अहम पदों पर काम किया. उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए. प्रधानमंत्री बनने के बाद वह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपने फैसलों के लिए पहचाने गए.
मनमोहन सिंह ने अपना करियर एक अर्थशास्त्री के तौर पर शुरू किया था. उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और वित्त मंत्री जैसे अहम पदों पर काम किया. उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए. प्रधानमंत्री बनने के बाद वह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपने फैसलों के लिए पहचाने गए.
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मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व हमेशा सादा और विनम्र रहा. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपने पुराने रिश्तों और दोस्ती को महत्व दिया. उनके रिश्ते कभी भी राजनीतिक प्रभाव से नहीं बदले. उनका विश्वास हमेशा अपने परिवार और दोस्तों में था और उन्होंने कभी भी अपनी निजी जिंदगी को राजनीति से प्रभावित नहीं होने दिया.
मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व हमेशा सादा और विनम्र रहा. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपने पुराने रिश्तों और दोस्ती को महत्व दिया. उनके रिश्ते कभी भी राजनीतिक प्रभाव से नहीं बदले. उनका विश्वास हमेशा अपने परिवार और दोस्तों में था और उन्होंने कभी भी अपनी निजी जिंदगी को राजनीति से प्रभावित नहीं होने दिया.
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मनमोहन सिंह की जिंदगी में दोस्ती, परिवार और सादगी की मिसालें दी जा सकती हैं. उनके साथ समय बिताने के बाद लोगों ने हमेशा उनकी विनम्रता और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण की सराहना की. उनका जीवन एक प्रेरणा है जिसमें उन्होंने हमेशा अपनी निजी जिंदगी को प्राथमिकता दी और सार्वजनिक जीवन में भी अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट रखा.
मनमोहन सिंह की जिंदगी में दोस्ती, परिवार और सादगी की मिसालें दी जा सकती हैं. उनके साथ समय बिताने के बाद लोगों ने हमेशा उनकी विनम्रता और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण की सराहना की. उनका जीवन एक प्रेरणा है जिसमें उन्होंने हमेशा अपनी निजी जिंदगी को प्राथमिकता दी और सार्वजनिक जीवन में भी अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट रखा.

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