शाहीन बाग से बिना कार्रवाई लौटे एमसीडी के बुलडोजर, लोगों के विरोध ने किया वापस जाने को मजबूर
अतिक्रमण रोधी अभियान को अंजाम देने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारियों के भारी पुलिस बल और बुलडोजर के साथ सोमवार को शाहीन बाग इलाके में पहुंचते ही महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के बाद एसडीएमसी के अधिकारी कोई कार्रवाई किए बिना ही बुलडोजर के साथ लौट गए. प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई रोकने की मांग की. कुछ महिलाएं बुलडोजर के सामने आकर खड़ी हो गईं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appइस बीच उच्चतम न्यायालय ने यहां शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह मामले में किसी राजनीतिक दल के कहने पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने पार्टी से इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से संपर्क करने को कहा. पीठ ने कहा, “माकपा क्यों याचिका दायर कर रही है? किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है? राजनीतिक दलों के कहने पर नहीं. यह मंच नहीं है. आप उच्च न्यायालय जाएं.’’
इससे पहले दिन में, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया. विरोध-प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड सहित अन्य क्षेत्रों में भारी जाम लग गया. एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से अवैध ढांचों को नहीं हटाया जा सका. सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना उनका दायित्व है, जिसे वे पूरा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन “राजनीति से प्रेरित” हैं.
एसडीएमसी के तहत मध्य जोन में आने वाला शाहीन बाग दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन और धरने का प्रमुख केंद्र था. शहर में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मार्च 2020 में यहां धरना प्रदर्शन बंद किया गया था. इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने पिछले महीने जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. क्षेत्र में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एसडीएमसी अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी जवानों के साथ मौके पर मौजूद थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अतिक्रमण रोधी अभियान जहां चलाया जा रहा है, वहां पुलिस बल तैनात किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित नगर निकाय बिना किसी परेशानी के और पूरी सुरक्षा के साथ अपना काम कर सके.’’ अधिकारियों ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिये अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया था. एसडीएमसी के अधिकारियों के बुलडोजर के साथ शाहीन बाग पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोगों ने अपने ‘‘अवैध निर्माण’’ को हटाना शुरू कर दिया. शाहीन बाग में कालिंदी कुंज मुख्य मार्ग के दुकानदार अकबर (40) ने कहा, ‘‘ बुलडोजर सुबह साढ़े 11 बजे इलाके में पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई अतिक्रमण नहीं होने के कारण वे लौट गए. लोगों से कहा गया था और उन्होंने अवैध खोखे हटा दिए थे. वहां हटाने के लिए कुछ नहीं था. बुलडोजर कोई भी कार्रवाई किए बिना ही लौट गए.’’ शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध कर रहे कांग्रेस की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष परवेज आलम सहित पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने ‘‘ शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध करने के लिए’’ आप और कांग्रेस की आलोचना की. गुप्ता ने कहा, ‘‘ आज, यह साबित हो गया कि आप और उसके विधायक रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का साथ दे रहे हैं. बुलडोजर के आगे लेटने वालों को जनता जवाब देगी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप और कांग्रेस शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे हैं. मैं आप और कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे अतिक्रमण और धर्म को आपस में नहीं जोड़ें.’’
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -