Mumbai Cruise Accident: '30 मिनट तक मदद के लिए चिल्लाते रहे लोग,', चश्मदीदों ने बताया किसकी गलती से समंदर में डूबा यात्रियों से भरा क्रूज
क्रूज के पलटने के बाद एक यात्री ने बताया कि नाव पूरी तरह से भरी हुई थी. हादसे के दौरान कुछ लोग गिरते हुए दिखाई दिए और मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन 30 मिनट तक कोई भी सहायता नहीं पहुंची. इस समय नाव में सवार यात्रियों के लिए जीवन रक्षक उपायों का कोई प्रभावी इंतजाम नहीं था जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई.
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View In Appजानकारी के अनुसार दुर्घटना के समय किसी भी यात्री ने लाइफ जैकेट नहीं पहनी हुई थी. जब नाव समुद्र में डूबने लगी तब यात्रियों से लाइफ जैकेट पहनने को कहा गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. ये घटना यह साबित करती है कि आपातकालीन स्थिति के लिए पहले से तैयार रहना कितना जरूरी है.
बताया जा रहा है कि नौसेना की स्पीडबोट का इंजन परीक्षण चल रहा था तभी उसने अपना नियंत्रण खो दिया और नौका से जा टकराई. हालांकि तुरंत बचाव प्रयासों ने कई लोगों की जान बचाई. रक्षा अधिकारी ने बताया कि नौसेना, समुद्री पुलिस और तटरक्षक बल की ओर से चलाए गए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान से काफी मदद मिली और कई लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया गया.
इस बड़े पैमाने पर बचाव अभियान में चार हेलीकॉप्टर, पुलिस कर्मी और स्थानीय मछुआरे भी शामिल हुए. ये सभी एकजुट होकर समुद्र में फंसे लोगों की जान बचाने लगे और इस काम में उनका योगदान सराहनीय था. बिना इन एजेंसियों की मदद के शायद और भी ज्यादा नुकसान हो सकता था.
हादसे के दौरान तीन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कांस्टेबलों की त्वरित और वीरतापूर्ण कार्रवाई ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया.
नेवी के स्पीड बोट से टक्कर के बाद यात्रियों से भरी नाव समुद्र में पलट गई. हादसे के समय समुद्र के तट से दूर और उथले पानी में डूबने का खतरा और भी बढ़ गया था. ऐसे हालात में बचाव कार्य करना बेहद कठिन था, लेकिन विभिन्न एजेंसियों और लोगों ने मिलकर इस मुश्किल परिस्थिति से निपटने का प्रयास किया.
कांस्टेबल अमोल मारुति सावंत ने कहा कि हमें दोपहर 3:55 बजे कॉल मिली और हम 1,600 आरपीएम की गति से यात्रा करते हुए 4:05 बजे घटना स्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया.
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