Murli Manohar Joshi: 'राम मंदिर बनकर रहेगा, इसे कोई ताकत नहीं रोक सकती...', 32 साल पहले ही मुरली मनोहर जोशी ने कर दिया था ऐलान
मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इस मंदिर निर्माण के लिए सैकड़ो सालों की लड़ाई में जिन चंद लोगों का नाम सबसे आगे रहा है, उनमें डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appआज 5 जनवरी को उनका जन्मदिन है. 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था तब मुरली मनोहर जोशी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
इसके पहले कार सेवा के लिए जो रथ यात्रा निकाली गई थी उसे जिस जोशीले तरीके से मुरली मनोहर जोशी ने संबोधित किया था वह आज भी अयोध्या के इतिहास में दर्ज है. राम मंदिर बनकर रहेगा और इसे कोई ताकत रोक नहीं सकती, यही उनके शब्द थे जिस पर जोश में आए लाखों कार सेवकों ने अयोध्या की और कूच करना शुरू कर दिया था. बाबरी विध्वंस के बाद 8 दिसंबर 1992 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो गया है और इसकी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुरली मनोहर जोशी को भी आमंत्रित किया गया है. लाल कृष्ण आडवाणी के साथ जो चंद नेता इस आंदोलन का मुख्य चेहरा थे उसमें मुरली मनोहर जोशी के अलावा विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल और उमा भारती भी मुख्य रूप से चर्चित रहे हैं.
मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को नैनीताल में हुआ. हालांकि जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र के रहने वाले हैं. नैनीताल में जन्मे मुरली मनोहर जोशी के पिता का नाम मन मोहन जोशी और माता का नाम चंद्रावती जोशी था.
ब्राह्मण परिवार में जन्मे मुरली मनोहर जोशी का विवाह 1956 में तरला जोशी से हुआ. जिसके बाद उनकी दो बेटियां निवेदिता और प्रियंवदा हैं.
उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमएससी की बढ़ाई की और फिर वहीं से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की. उनका शोधपत्र स्पेक्ट्रोस्कोपी पर था. मुरली हिन्दी भाषा में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले पहले शोधार्थी थे. अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद, जोशी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी पढ़ाना शुरू किया पढ़ाई के दिनों में ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे.
मुरली मनोहर जोशी ने कम उम्र में ही (1953-54) में गौ रक्षा आंदोलन, 1955 में यूपी के कुंभ किसान आंदोलन में भाग लिया. इलाहाबाद में उन्होंने अपने जीवन के 40 साल गुजारे और तीन बार यही से सांसद रहे थे.
1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाई और अध्यक्ष बने. 1996 में जब 13 दिन के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उनको गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. 2014 में वह उत्तर प्रदेश के कानपुर से लोकसभा सांसद चुने गए.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -