Pictures: चीन से टकराव के बीच Pangong Lake पहुंचा abp न्यूज़, देखिए बेहद खूबसूरत तस्वीरें
पिछले आठ महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पैंगोंग-त्सो लेक पहुंची है. ये पहली बार है कि कोई न्यूज चैनल एलएसी के इतने करीब पहुंचा है. भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) इसी पैंगोंग-त्सो झील के बीच से गुजरती है. देखिए खूबसूरत तस्वीरें (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
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View In Appपूर्वी लद्दाख से सटी 826 किलोमीटर लंबी एलएसी जो काराकोरम पास (यानि दर्रे) से शुरू होकर डीबीओ, डेप्सांग प्लेन, गलवान घाटी, फिंगर एरिया, पैंगोंग-त्सो, कैलाश रेंज से डेमचोक-चुमार तक जाती है ये इस वक्त भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा फ्लैश-पॉइंट बना हुआ है. इस 826 किलोमीटर लंबी एलएसी पर दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक तो तैनात है ही साथ ही टैंक, तोप बीएमपी व्हीकल्स और मिसाइलों का जमावड़ा है. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
झील का पानी और आसपास का वातावरण बेहद शांत दिखाई दे रहा था. लेकिन ये शांति कब विस्फोट रूप ले सकती है कोई नहीं जानता. क्योंकि एलएसी पर भारत और चीन का सीमा विवाद इस सदी का सबसे बड़ा टकराव माना जा रहा है. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
सर्दियों के मौसम में यहां तापमान माइनस (-) 30-40 डिग्री तक गिर जाता है और झील पूरी तरह से जम जाती है. एबीपी न्यूज की टीम जब पैंगोंग-त्सो झील पहुंची तो यहां का तापमान माइनस (-) 30 डिग्री होने के चलते झील जमी हुई थी. यहां एबीपी न्यूज को मुंबई से आई तीन टूरिस्ट भी मिले. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
करीब साढ़े 14 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी, पैंगोंग-त्सो झील करीब 135 किलोमीटर लंबी है, जिसका एक-तिहाई भाग यानि करीब 40 किलोमीटर भारत के अधिकार-क्षेत्र में है और बाकी दो-तिहाई यानि करीब-करीब 95 किलोमीटर चीन के कब्जे में है. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
लेह से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है 130 किलोमीटर लंबी पैंगोंग-त्सो झील. झील का एक-तिहाई हिस्सा भारत के अधिकार-क्षेत्र में है और दो-तिहाई चीन के कब्जे में है. भारत और चीन के बीच एलएसी इसी लेक के बीच से गुजरती है. पैंगोंग से ही सटा वो फिंगर एरिया और कैलाश रेंज है जहां भारत और चीन की सेनाओं के बीच हालात सबसे ज्यादा नाजुक बने हुए हैं. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
पहले कोरोना महामारी और फिर गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से विश्व-प्रसिद्ध पैंगौंग-त्सो झील को पर्यटकों के लिए 1बंद कर दिया गया था. एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव के चलते लेह-लद्दाख के बाहर के लोगों को लेह शहर के 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाने तक पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन रविवार से झील को लद्दाख प्रशासन ने पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया है. अब सभी पर्यटक परमिट लेकर पैंगोंग-त्सो जा सकते हैं. (फोटो क्रेडिट- नीरज राजपूत)
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