Odisha Flood: ओडिशा के 10 जिलों में बाढ़ से से मुसीबत, हीराकुंड के खोले गए 40 गेट, तस्वीरों में देखें
ओडिशा (Odisha) राज्य के 10 से अधिक ज़िले इस समय जल मग्न है. पुरी (Puri) से लेकर संबलपुर (Sambalpur) तक अधिकतर इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है. महानदी में बाढ़ ने ओडिशा के तटीय क्षेत्र को भारी नुक़सान पहुंचाया है. अधिकारियों ने अतिरिक्त बाढ़ के पानी को छोड़ने के लिए हीराकुंड (Hirakud) में 40 गेट खोले है.
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View In Appमहानदी में बाढ़ के पानी ने ओडिशा के तटीय क्षेत्र को प्रभावित किया है जिससे 10 विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में गांव जलमग्न हो गए हैं जबकि दो लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने का अनुमान है. हीराकुंड में वर्तमान जलाशय स्तर 630 फीट के पूर्ण जलाशय स्तर के मुकाबले 626.56 फीट मापा गया था. लगभग 5.97 लाख क्यूसेक पानी जलाशय में प्रवेश कर रहा था जबकि 6.79 क्यूसेक पानी 40 गेटों के माध्यम से छोड़ा जा रहा था.
हीराकुंड बांध ने आज शाम 40 फाटकों से बाढ़ का पानी छोड़ना शुरू किया. जब 26 फाटकों से बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा था. शाम 4 बजे के बाद 5 और फाटकों को खोल दिया गया जिससे कुल खुले फाटकों की संख्या 31 हो गई. बाद में शाम को नौ और फाटक खोले गए. ओडिशा जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता बिजय कुमार मिश्रा ने कहा कि जलाशय के जल स्तर और बाढ़ को कम करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया था. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने आज कहा कि अगले 24 घंटे ओडिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे जो अब महानदी और अन्य नदियों में पानी के भारी प्रवाह के कारण बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहा है. जेना ने कहा कि अगले चार दिनों तक बाढ़ की स्थिति बनी रह सकती है.
जैसे ही बाढ़ का पानी तटीय क्षेत्र में पहुंचा कई नदी और नहर के तटबंध टूट गए और सैकड़ों लोगों ने अचानक खुद को बाढ़ के पानी में डूबा हुआ पाया. सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है जबकि हजारों एकड़ जमीन में खरीफ की फसल पानी में डूब गई है. राज्य में जारी बाढ़ से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
बाढ़ की चपेट में आने वाले जिलों में कटक, खोरधा, पुरी, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, बौध, संबलपुर और अंगुल शामिल हैं. राजधानी भुवनेश्वर के कई निचले इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. पुरी, कटक और खोरधा जिले में सड़कें कट गईं. ओडिशा राज्य के सभी हिस्सों में भारी बारिश की उम्मीद कर रहा है. विशेष रूप से उत्तरी ओडिशा क्षेत्र में एक कम दबाव क्षेत्र के प्रभाव में जो 19 अगस्त तक बनने की संभावना है. एसआरसी ने हालांकि कहा कि वे बैतरनी और ब्राह्मणी में एक बड़ी बाढ़ की उम्मीद नहीं कर रहे थे.
स्थानीय निवासी अक्षय बारी का कहना है कि, मेरा सारा खेत पानी में डूब गया है. घर डूब गया है और फसल भी पूरी तरह बरबाद हो गई है. सब कुछ खत्म हो गया है. अभिमन्यू नाम के शख्स ने कहा कि, पुरी जिले में हर साल पानी आता है लऔर हर वर्ष बहुत बर्बादी होती है लेकिन इस साल बुरा हाल है. रास्ते भी डूब गए और सरकार से मदद का इंतजार है. हम एक दिन खाते है और दूसरे दिन नहीं खा पाते है लेकिन जानवरों को तो कुछ नहीं मिला है.
प्रहलाद प्रधान का कहना है कि, गांव के घर डूबे हैं और स्कूल भी डूब गया है. सरकार की तरफ से कुछ मिलने का इंतजार है. हमारे यहां अब कुछ नहीं बचा है. सुशांत शेखर महाराना का कहना है कि, गांवों मे कमर तक पानी है. ना सरपंच से कुछ मिला है न ही सरकार से. मेरे घर तक पहुंचाने में एक दिन का समय लग जा रहा है. बच्चों तक भी खाना नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि रास्ते भी डूब गए हैं.
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