Jagannath Temple: खजाना खुलते ही किले में तब्दील हुआ जगन्नाथ मंदिर, जानिए कैसी है सुरक्षा व्यवस्था
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी का कहना है कि रत्न भंडार के भीतरी और बाहरी कक्षों में रखे गए आभूषण और अन्य मूल्यवान वस्तुओं को लकड़ी के संदूकों में बंद कर अस्थायी सुरक्षित कमरे में रखा जाएगा.
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View In Appअस्थायी सुरक्षित कमरे की पहचान कर ली गई है और वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गईं हैं.
मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस बल, पुलिसकर्मी, अधिकारी, सभी ने अपनी स्थिति संभाल ली है. सीसीटीवी कैमरों पर खास नजर रखी जा रही है. मंदिर के आसपास से गुजरने वाले वाहनों की भी सघन चेकिंग हो रही है.
ओडिशा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) संजय कुमार ने एएनआई को बताया कि मंदिर के पास 180 प्लाटून बल तैनात किए गए हैं.
यहां सशस्त्र पुलिस बल तैनात किए गए हैं. आरएएफ की तीन कंपनियों के अलावा सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं.
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से खजाने में रखी कीमती वस्तुओं की सूची बनाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बिश्वनाथ रथ की मौजूदगी में जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार रविवार दोपहर एक बजकर 28 मिनट के बाद खोला गया था.
दरअसल, 46 साल बाद ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की अनुमति इसलिए दी थी, ताकि आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की लिस्ट बनाई जा सके. इससे पहले रत्न भंडार को आखिरी बार 1978 में खोला गया था.
रत्न भंडार को खोलने से पहले टीम ने पारंपरिक पोशाक के साथ पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा-अर्चना की थी. एहतियात के तौर पर पहले अधिकृत कर्मचारी और एक सपेरा रत्न भंडार में गया था.
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