प्रवासी मजदूरों के पलायन की वो तस्वीरें जो व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती हैं
लॉकडाउन के चलते देश में यातायात सेवाएं ठप हैं. प्रतिबंध लगने के चलते मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर पैदल चल कर अपने घरों की ओर जाते दिख रहें हैं.
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View In Appमजदूरों के पलायन की ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो मन को झकझोर रही हैं, साथ ही इन तस्वीरों को देख व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे है. उनमें से सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या राज्य सरकारें मजदूरों के लिए कुछ नहीं कर पा रही हैं?
इन तस्वीरों को देख एक तस्वीर जो याद आती है वो साल 2015 के सीरिया में गृहयुद्ध के समय की. तुर्की के समुद्री तट के किनारे एक तीन साल के सीरियाई बच्चे का शव मिला था, जो गृहयुद्ध के चलते अपने परिवार के साथ पलायन कर रहा था, कि तभी समुद्र में नाव के पलटने से उसकी मौत हो गई. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.
देश भर के अलग-अलग राज्यों से पलायन कर रहे मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. जो राज्य सरकारों को सवालों के घेरे में खड़ा करती हैं.
पलायन कर रहे ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. वहीं पंजाब और हरियाणा से भी मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफर कर अपने घरों को लौट ने पर मजबूर हैं.
देश में कोरोना संकट के चलते 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है. जिसके चलते प्रवासी मजदूरों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, हालात से परेशान मजदूर अब पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि देश के 8 करोड़ मजदूरों को इस पैकेज से फायदा मिलेगा.
आपको बता दें, मध्य प्रदेश से यूपी लौट रहे 8 मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. मजदूरों की इस हालत से व्यवस्था को लेकर राज्य की सरकारों पर सवाल उठ रहे हैं.
एक तस्वीर जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है, दिल्ली से महोबा के लिए निकले मजदूर के परिवार में शामिल बच्चा जब पैदल चलते-चलते थक गया तो वो सूटकेस पर ही लेट गया और उसकी मां सूटकेस को खींचते हुए दिखी.
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