Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मोरबी घटनास्थल पर PM मोदी, रेस्क्यू टीम और घायलों से भी की मुलाकात- सामने आईं ये खास तस्वीरें
घटनास्थल पर पहुंचने पर पीएम मोदी ने हर्ष संघवी से हादसे के बारे में जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ राज्य के सीएम मौजूद थे. इसके बाद पीएम मोदी अस्पताल गये और वहां पर उन्होंने घायलों से मुलाकात की. इस हादसे में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appघटनास्थल पर पहुंचने पर पीएम मोदी ने हर्ष संघवी से हादसे के बारे में जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ राज्य के सीएम मौजूद थे. इसके बाद पीएम मोदी अस्पताल गये और वहां पर उन्होंने घायलों से मुलाकात की. इस हादसे में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री को राहत अभियान और प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराई गई मदद के बारे में जानकारी दी गई. मोदी ने कहा कि अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के संपर्क में रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुख की इस घड़ी में उनको हर संभव मदद मिले.
गुजरात के स्वास्थ्य सचिव मनोज अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि पीएम मोदी ने घायलों से मुलाकात करने के बाद उनसे घटना के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में चल रहे उपचार के बारे में भी उनसे बात की.
मोरबी पुल हादसे को लेकर गुजरात की बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंगलवार को सवाल किया कि क्या पीएम मोदी गुजरात की निंदा करेंगे, जैसे कि उन्होंने 2016 में पश्चिम बंगाल में हुई घटना को लेकर की थी. टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान कोलकाता में जब एक पुल गिर गया था तब पीएम ने अपनी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए इसके लिए भ्रष्टाचार को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया था. अब उन्हें गुजरात में हुई घटना के बारे में ऐसा ही कहना चाहिए.
पिछले हफ्ते ही इस पुल को खोल दिया गया जबकि अभी इसका समय पूरा नहीं हुआ था. इस दौरान इस पुल के टिकट जो 12 रुपये थे 17 रुपये तक बेचे गए. पुल पर उसकी निर्धारित क्षमता से ज्यादा लोगों को जाने दिया गया. इन्हीं वजहों से ब्रिज महज 4 दिनों में ही टूट गया.
पूरे मामले में सरकार पर किसी को बचाने का आरोप लग रहा है. पुलिस की एफआईआर (FIR) में ओरेवा कंपनी के मालिक (oreva company owner) जयसुख भाई पटेल (Jaysukh Bhai Patel) का नाम नहीं है. इस कंपनी ने स्थानीय नागरिक निकाय से फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) भी नहीं लिया था.
इसके अलावा इस पुल को उचित समय से पहले ही आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. हादसे के वक्त पुल पर लोगों की संख्या उसके मानक से कहीं ज्यादा थी. ऐसे में विपक्ष राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के साथ ये भी सवाल उठा रहा है कि क्या सरकार मोरबी हादसे में किसी को बचाने की कोशिश कर रही है?
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -