मणिपुर में पीएम मोदी ने फूंका चुनावी बिगुल, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए क्या कुछ बोले?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर पूर्वोत्तर के विकास की अनदेखी करने और क्षेत्र व लोगों के बीच दूरियां बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों के इसी ''दर्द'' को पाटने के लिए 2014 के बाद वह भारत सरकार को ही उनके दरवाजे पर लेकर आ गए. उन्होंने कहा कि आज ''डबल इंजन'' की सरकार की वजह से इस क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा की आग नहीं है, बल्कि शांति और विकास की रोशनी है. प्रधानमंत्री ने यहां 4800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह भी कहा कि पूरे पूर्वोत्तर में सैकड़ों नौजवान आज हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं.
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View In Appमोदी ने करीब 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली नौ परियोजनाओं की आधारशिला रखी. ये परियोजनाएं सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ''पूर्वोत्तर को लेकर पहले की सरकारों की नीति थी ‘डोंट लुक ईस्ट’ यानी पूर्वोत्तर की तरफ दिल्ली में तभी देखा जाता था, जब यहां चुनाव होते थे, लेकिन हमने पूर्वोत्तर के लिए ‘लुक ईस्ट’ का संकल्प लिया.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों और यहां के लोगों में सामर्थ्य की भरमार है और इस वजह से यहां विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं भी हैं. उन्होंने कहा, ''आज पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास का प्रवेश द्वार बन रहा है...नए भारत के सपनों को पूरा करने का प्रवेश द्वार बन रहा है...और इसमें मणिपुर और पूर्वोत्तर, भारत के भविष्य में नए रंग भर रहे हैं.''
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब मणिपुर और पूर्वोत्तर को अपने हाल पर छोड़ दिया गया था, क्योंकि पहले दिल्ली में बैठी सरकारें सोचती थीं कि कौन इतनी तकलीफ उठाए और कौन इतनी दूर जाए.
उन्होंने कहा, ''मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, उससे पहले भी अनेक बार मणिपुर आया था. मैं जानता था कि आपके दिल में किस बात का दर्द है. इसलिए 2014 के बाद मैं पूरी दिल्ली को... भारत सरकार को... आपके दरवाजे पर लेकर आ गया. वह चाहे नेता हो या मंत्री हो या अफसर हो.''
पीएम लोगों को याद दिलाया कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में पूर्वोत्तर के पांच प्रमुख चेहरे हैं जो देश के अहम मंत्रालयों का कामकाज संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत का असर अब पूर्वोत्तर में दिख रहा है... मणिपुर में दिख रहा है. आज मणिपुर और पूर्वोत्तर बदलाव की नयी कार्य संस्कृति के प्रतीक बन रहे हैं.''
मणिपुर को केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के मिल रहे लाभों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि क्योंकि राज्य की जनता ने केंद्र व प्रदेश में भाजपा को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा, ''एक वोट की शक्ति ने मणिपुर में वह काम करके दिखाया, जिसकी पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था. अभी हमें आगे एक लंबा सफर तय करना है.''
पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला जारी रखते हुए मोदी ने कहा '' पिछली सरकारों ने मणिपुर को ''ब्लॉकेड स्टेट'' बना कर रख दिया था, घाटी और तराई क्षेत्रों के बीच राजनीतिक फायदे के लिए खाई खोदने का काम किया गया था, लोगों के बीच दूरियां बढ़ाने के लिए खेल किए जाते थे.''
उन्होंने कहा, ''आज डबल इंजन की सरकार के प्रयासों की वजह से इस क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा की आग नहीं है, बल्कि शांति और विकास की रोशनी है. पूरे पूर्वोत्तर में सैकड़ों नौजवान हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. जिन समझौतों का दशकों से इंतजार था, हमारी सरकार ने वह ऐतिहासिक समझौते भी कर दिखाए.''
मणिपुर में एक स्थिर सरकार बनाने के लिए राज्य की जनता का धन्यवाद करते हुए मोदी ने कहा कि आज वह सरकार पूरे बहुमत और दमखम से चल रही है. मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग सत्ता हासिल करने के लिए मणिपुर को फिर से ''अस्थिर'' करना चाहते हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब उन्हें मौका मिले ताकि वह ''अशांति का खेल'' खेल सकें.
उन्होंने कहा, ''मुझे खुशी है मणिपुर के लोग उन्हें पहचान चुके हैं. अब मणिपुर के लोग यहां का विकास रुकने नहीं देंगे. मणिपुर को फिर से अंधेरे में नहीं जाने देना है.'' प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के वर्तमान दशक को मणिपुर के लिए ''बहुत महत्वपूर्ण'' करार दिया और कहा कि पहले की सरकारों ने बहुत समय गंवा दिया. उन्होंने कहा, ''अब हमें एक पल भी नहीं गंवाना है. हमें मणिपुर में स्थिरता भी रखनी है और मणिपुर को विकास की नई ऊंचाई पर भी पहुंचाना है और यह काम, ‘डबल इंजन’ की सरकार ही कर सकती है.'' बता दें कि इस साल मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
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