राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने पर दिया जोर, कहा- इसके खिलाफ हो जीरो टॉलरेंस की नीति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने शनिवार (29 अक्टूबर) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (यूएनएससी सीटीसी) के शिष्टमंडलों के प्रमुखों से मुलाकात की.
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View In Appराष्ट्रपति मुर्मू से मिलने पहुंचे शिष्टमंडल में घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयोरकोर बोशवे, यूएई के अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के राज्य मंत्री रीम इब्राहिम अल हाशिमी और अल्बानिया के विदेश उपमंत्री मेगी फिनो शामिल थे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद निरोधी समिति (यूएनएससी सीटीसी) के शिष्टमंडलों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ लड़ने की भारत की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, दुनिया का सबसे मुक्त और विविध समाज है और यह दशकों से आतंकवाद से पीड़ित है.
राष्ट्रपति भवन (President's House) की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने इस पर जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए तैयार की जा रही योजना और रूपरेखा का मार्गदर्शक आतंकवाद के प्रति तनिक भी सहन नहीं करने की (जीरो टॉलरेंस) नीति होनी चाहिए.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 26/11 स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस हमले को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. आज हमने पीड़ितों की आवाज सुनी है. हम इस आघात को हमेशा याद रखें और आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास करते रहें.
डॉ. एस जयशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिस जगह पर 26/11 हमला हुआ था, उस जगह पर यूएनएससी की आतंकवाद-रोधी समिति का एक साथ आना काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, हमने 26/11 हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है, लेकिन यह कार्य अभी अधूरा है.
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