गांधी परिवार की 10वीं सदस्य हैं प्रियंका जो चुनावी राजनीति में करने जा रही एंट्री, जानें अब तक कौन-कौन पहुंचा संसद?
जवाहर लाल नेहरू: उन्होंने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की फूलपुर सीट से तीन बार सांसद रहे. पंडित नेहरू ने यहां से 1952, 1957 और 1962 में चुनाव जीता था.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appइंदिरा गांधी ने 1967 में रायबरेली से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था. उन्होंने 1971 में भी इस सीट से जीत हासिल की. इंदिरा गांधी 1977 में तीसरी बार इसी सीट से चुनाव जीतीं. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा के लोकसभा निर्वाचन को रद्द कर दिया था. इसके बाद 1977 में आपातकाल के बाद दोबारा हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा रायबरेली से हार गई थीं. इसके बाद इंदिरा गांधी 1978 में कर्नाटक की चिकमगलूर सीट से लोकसभा उपचुनाव जीतीं. वे 1980 में दो सीटों आंध्र की मेडक और यूपी की रायबरेली से चुनाव जीतीं. हालांकि, उन्होंने रायबरेली सीट खाली कर दी थी.
फिरोज गांधी 1952 और 1957 में रायबरेली से सांसद चुने गए. साल 1942 में उनका विवाह इंदिरा गांधी से हुआ था.
संजय गांधी: साल 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की लहर के बीच कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद साल 1980 में संजय गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज किया, लेकिन कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गई और 1981 में उपचुनाव हुआ.
राजीव गांधी: संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी 1981 में पहली बार अमेठी से उपचुनाव जीतकर सांसद चुने गए. वे 1984, 1989 में भी सांसद चुने गए. 1984 में उन्होंने संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को मात दी. 1991 में भी राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए, लेकिन चुनाव नतीजों से पहले ही उनकी हत्या कर दी गई.
सोनिया गांधी ने 1999 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा. वे 1999 में बेल्लारी और अमेठी से चुनाव लड़ीं और दोनों सीट से जीत हासिल की. सोनिया ने बेल्लारी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली सीट से चुनाव जीतीं. 2006 में वे इस्तीफा देकर दोबारा इसी सीट सांसद चुनी गईं. सोनिया 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली से सांसद चुनी गईं. 2024 में सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुनी गईं.
मेनका गांधी 1984 लोकसभा चुनाव में अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वे वीपी सिंह के जनता दल पार्टी से जुड़ीं और उन्होंने 1989 में पीलीभीत से अपना पहला चुनाव जीता. इसके बाद मेनका 1996, 1998, 1999, 2004 में पीलीभीत से सांसद चुनी गई हैं. 2009 में वे आंवला सीट से चुनाव जीतीं. इसके बाद 2014 में मेनका गांधी फिर पीलीभीत से चुनाव जीतीं. 2019 में उनकी सीट बदल दी गई और उन्हें सुल्तानपुर से टिकट दिया गया. मेनका ने सुल्तानपुर से चुनाव जीता. 2024 में वह इसी सीट से चुनाव हार गईं.
राहुल गांधी- अमेठी से 2004, 2009 और 2014 में सांसद बने. 2019 में उन्हें इस सीट से हार मिली. हालांकि, वे वायनाड से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2024 में राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली से चुनाव जीते. इस बार उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है.
वरुण गांधी- 2009 में पीलीभीत से पहली बार सांसद चुने गए. 2014 में वे सुल्तानपुर से चुनाव जीते. 2019 में उन्हें पीलीभीत से टिकट दिया गया औऱ उन्होंने जीत हासिल की. बीजेपी ने इस बार वरुण को टिकट नहीं दिया था.
प्रियंका गांधी- वायनाड से लोकसभा उपचुनाव लड़ेंगी. प्रियंका गांधी राजनीति में लंबे वक्त से सक्रिय हैं, लेकिन उन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन अब वायनाड से उनका चुनावी डेब्यू होने जा रहा है. इसी के साथ प्रियंका गांधी-नेहरू परिवार की 10वीं सदस्य होंगी, जो चुनावी राजनीति में प्रवेश करने जा रही हैं.
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