Opposition Leader of Lok Sabha: राजीव गांधी से सुषमा स्वराज तक... 55 साल में 12 नेता प्रतिपक्ष, जानें किसने कितने समय तक निभाई जिम्मेदारी
18वीं लोकसभा का सोमवार (24, जून) से आगाज हो गया है. पहले दो दिन यानी सोमवार और मंगलवार को नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई गई. जबकि सदन की कार्यवाही के तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर को चुना गया. इस दौरान नेता सदन पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत सांसदों ने स्पीकर ओम बिरला को बधाई दी.
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View In App18वीं लोकसभा की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष की भी चर्चा रही, क्योंकि बीते 10 सालों में इस पद पर कोई नहीं था. हालांकि, अब बार कांग्रेस को 99 सीटें मिली, जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी राहुल गांधी को सौंपी गई.
दरअसल, 1952 में पहली बार आम चुनाव हुए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 364 सीटें हासिल कर जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में सरकार बनाई. 1969 तक लोकसभा ने विपक्ष के नेता को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी थी और यह पद 1970 से 1977 के बीच, 1980 से 1989 के बीच और 2014 से 2024 के बीच खाली रहा.
बक्सर से निर्वाचित हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राम सुभग सिंह ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 17 दिसंबर 1969 से 27 दिसंबर 1970 तक यानी 1 वर्ष 10 दिनों तक विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई.
इसके बाद सतारा से निर्वाचित हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के यशवंतराव चव्हाण ने 1 जुलाई 1977 से 11 अप्रैल 1978 तक और 10 जुलाई 1979 से 28 जुलाई 1979 तक बतौर विपक्षी नेता कार्यरत रहे.
इडुक्की चुनावी क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सीएम स्टीफन ने 12 अप्रैल 1978 से 9 जुलाई 1979 तक नेता प्रतिपक्ष रहे.
सासाराम से निर्वाचित हुए जनता पार्टी के जगजीवन राम ने 29 जुलाई 1979 से 22 अगस्त 1979 तक चौधरी चरण सिंह के कार्यकाल में विपक्षी नेता की भूमिका निभाई.
अमेठी से निर्वाचित हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजीव गांधी ने 1 साल 5 दिन यानी 18 दिसंबर 1989 से 23 दिसंबर 1990 तक विपक्ष के नेता के तौर पर भूमिका निभाई.
इसके अलावा नई दिल्ली से चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी ने 24 दिसंबर 1990 से 13 मार्च 1991 तक और 21 जून 1991 से 26 जुलाई 1993 तक विपक्षी नेता की दो बार जिम्मेदारी संभाली.
लखनऊ से निर्वाचित हुए बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 जुलाई 1993 से 10 मई 1996 तक, उसके बाद लखनऊ से जीत हासिल कर 1 जून 1996 से 4 दिसंबर 1997 तक बतौर विपक्षी नेता कार्यरत रहे.
बेरहामपुर से निर्वाचित हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पी.वी. नरसिम्हा राव ने 16 मई 1996 से 31 मई 1996 तक विपक्षी नेता की भूमिका निभाई.
इसके साथ ही बारामती से निर्वाचित हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शरद पवार ने 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक 12 वीं लोकसभा में विपक्षी नेता का पद संभाला.
अमेठी से निर्वाचित हुई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सोनिया गांधी ने 31 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 तक 13वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान विपक्षी नेता की भूमिका निभाई.
गांधीनगर से निर्वाचित हुए बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी ने 21 मई 2004 से 20 दिसंबर 2009 तक विपक्षी नेता की भूमिका निभाई.
विदिशा से बीजेपी सांसद सुषमा स्वराज ने 21 दिसंबर 2009 से 19 मई 2014 तक 15वीं लोकसभा में मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बतौर विपक्षी नेता कार्यरत रहीं.
इसी के साथ ही अब रायबरेली से चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राहुल गांधी ने 9 जून 2024 को देश के 12 वें विपक्षी नेता के तौर पर जिम्मेदारी संभाली है.
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