Rajiv Gandhi Death Anniversary: सोनिया के घरवाले नहीं थे राजी, पिता ने शादी के लिए राजीव गांधी के सामने रखी थी ये शर्त
सन 1965 की बात है, जब राजीव गांधी की मुलाकात सोनिया से हुई थी. यह दोनों ही इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गए थे. यहीं पर दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था. गांधी परिवार की बहू बनना सोनिया के लिए आसान नहीं था, लेकिन कई उतार-चढ़ाव के बाद दोनों की शादी हो गई.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appकैंब्रिज पहुंची सोनिया गांधी को वहां का खाना रास नहीं आ रहा था. वह अपने इटालियन खाने को बहुत याद करती थी. कॉलेज के कैंपस में ही उन्हें एक ग्रीक रेस्टोरेंट मिला, जहां पर इटालियन खाना मिलता था. वह अक्सर वहां पर जाया करती थी. यहीं पर उनकी मुलाकात राजीव गांधी के साथ हुई थी.
सोनिया गांधी ने जब राजीव गांधी को पहली बार देखा था तब वह अपने दोस्त के साथ उसी ग्रीक रेस्टोरेंट में आए थे. सोनिया ने उनको देखा तो वह बेहद ही हैंडसम और शांत स्वभाव के लगे. यहां पर सोनिया को राजीव गांधी से पहली नजर में ही प्यार हो गया था. कुछ ऐसा ही राजीव गांधी के साथ भी हुआ उन्हें पहली नजर में सोनिया से प्यार हो गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने दोस्त को कहा था कि वह सोनिया से उनका परिचय कराएं.
गांधी और नेहरू परिवार की पुरानी परंपरा है कि वह अपनी पत्र लिखकर कहते थे. ठीक ऐसा ही राजीव गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कैंपस में रहकर करते थे, वे अपनी मां इंदिरा गांधी को कैंपस के हाल-चाल, अपनी पढ़ाई लिखाई के बारे में पत्र लिखते थे और देखते ही देखते अपने पत्रों में अब सोनिया का नाम शामिल करने लगे थे.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लड़के ज्यादा और लड़कियां बेहद कम थी, लेकिन सोनिया उनमें सबसे खूबसूरत लड़की थी. राजीव गांधी को फोटोग्राफी का शौक था और वह सोनिया गांधी की बहुत सारी तस्वीरें खींचते थे और इसके बाद से ही वह सोनिया के लिए खास बनते गए.
इंदिरा गांधी जब लंदन आई थी तो वह सोनिया से मिली थी. वह जानती थी कि सोनिया को इंग्लिश से ज्यादा अच्छी फ्रेंच आती है, इसलिए उन्होंने सोनिया के साथ फ्रेंच में बात की. वहीं दूसरी तरफ सोनिया के घर वाले इस रिश्ते को लेकर दिक्कतें पैदा कर रहे थे. वह नहीं चाहते थे कि यह रिश्ता हो. जब उन्होंने यह बात अपने घर में बताई तो उनके घर वाले भी नाराज हो गए थे और उन्होंने इस रिश्ते के लिए साफ मना कर दिया था. इसके बाद वह बुझे दिल से कैंब्रिज वापस लौटी.
राजीव गांधी और सोनिया एक दूसरे से शादी करने का मन बना चुके थे. कई बार तो ऐसा भी होता था कि उन्हें शंका होती थी भविष्य को लेकर. सोनिया अपने सख्त मिजाज वाले पिता से डरती थी, लेकिन दोनों ने तय कर लिया था कि वह शादी करेंगे और आगे की जिंदगी भारत में ही रहेंगे.
1966 की बात है जब राजीव गांधी ने सोनिया के पिता स्टेफानो से मिलने का फैसला किया. वह सोनिया के परिवार वालों से मिले. हालांकि, उन्हें राजीव पसंद आए, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने शादी के लिए हां नहीं की. सोनिया के मां-बाप को लग रहा था कि उनकी बेटी विदेश में कैसे रहेगी. सोनिया के पिता ने उनको इस रिश्ते को तोड़ देने के लिए बहुत बोला, लेकिन सोनिया टस से मस नहीं हुई.
सोनिया के पिता ने दोनों के सामने शर्त रखी कि उन्हें कम से कम एक साल का इंतजार और करना होगा और अगर उनका प्यार बना रहेगा तो वह सोनिया को राजीव गांधी के साथ भारत जाने की आज्ञा दे देंगे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि अगर आगे चलकर शादी में कोई गड़बड़ी होती है तो वह अपने पिता को ब्लेम नहीं कर सकती. 12 महीने बीत गए सोनिया के पिता को लगा कि शायद सोनिया राजीव को भूल गई होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं 13 जनवरी 1968 को सोनिया दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी जहां राजीव गांधी उन्हें अपने भाई संजय के साथ लेने आए थे. उन्होंने सोनिया को अभिनेता अमिताभ बच्चन के परिवार के साथ रुकाया और 25 फरवरी 1968 के दिन दोनों ने शादी कर ली.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -