चीन सीमा के नजदीक और मजबूत हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर, राजनाथ सिंह ने अरुणाचल में सड़क और पुल प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (12 सितंबर) को अरुणाचल प्रदेश में 36 सड़क और पुल परियोजनाओं का ऑनलाइन उद्धाटन किया. इन परियोजनाओं में तवांग को असम के बालीपारा से जोड़ने वाली, सामरिक रूप से अहम नेचिफू सुरंग भी शामिल है. रक्षा मंत्री ने जम्मू से ऑनलाइन माध्यम से देश भर में कुल 90 प्रमुख सीमा बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सड़क संगठन (बीआरओ) की यह परियोजनाएं 2,941 करोड़ रुपये की लागत की हैं.
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View In Appबीआरओ के अधिकारियों ने कहा कि राजनाथ सिंह ने देश भर में 22 सड़कों, 63 पुलों, नेचिफू सुरंग, दो हवाई पट्टियों और दो हेलीपैड का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू और पुलिस महानिदेशक आनंद मोहन ने पश्चिम कामेंग जिले के सेसा से इस कार्यक्रम को देखा. अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड़ पर 5,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित नेचिफू सुरंग अद्वितीय डी-आकार की सिंगल-ट्यूब डबल-लेन सुरंग है, जो तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
यह सशस्त्र बलों और पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगा. खांडू ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर कहा, 'वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट कृति, रणनीतिक रूप से स्थित सुरंग सैनिकों के साथ-साथ आम लोगों की आवाजाही सुगम बनाएगी. इस सुरंग से दूरी पांच किलोमीटर कम हो जाएगी और घने कोहरे वाले इलाकों में भी यात्रा में सहूलियत होगी.' बीआरओ ने हाल ही में एलएसी के पास अरुणाचल प्रदेश में 678 करोड़ रुपये की लागत से आठ सड़कों का निर्माण पूरा किया है.
अरुणाचल प्रदेश में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें आठ सड़क परियोजनाएं और 20 पुल शामिल हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदू धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा, 'हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना होगा. जब देश की सुरक्षा की बात आती है तो सभी राजनीतिक दल एकजुट होते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.'
रक्षामंत्री ने कहा, 'बीआरओ के साथ मिलकर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश सुरक्षित रहे और सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास हो.' रक्षा मंत्री ने चंद्रमा पर इसरो के सफल चंद्रयान -3 मिशन का भी जिक्र किया और कहा कि लैंडर विक्रम द्वारा चांद पर तिरंगा फहराया गया.' उन्होंने कहा, 'एक समय था जब इसरो एक उपग्रह भी लॉन्च करने में सक्षम नहीं था और हमें अपने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए अन्य देशों से अनुरोध करना पड़ता था. अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है. आज न केवल चंद्रमा और मंगल ग्रह, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सूर्य तक भी पहुंच रहा है.
रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड की आधारशिला भी रखी. उन्होंने कहा, '200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाला यह हवाई क्षेत्र, लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा और उत्तरी सीमा पर भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएगा.' उन्होंने इसे सशस्त्र बलों के लिए गेम-चेंजर बताया.
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