Ram Mandir: 'गर्भग्रह में अकेला नहीं जाऊंगा', पीएम मोदी ने क्यों कहा ऐसा, अपनी मां को याद करते हुए इमोशनल
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को सोशल मीडिया पर विशेष संदेश जारी किया. इस संदेश में पीएम मोदी अपनी मां को भी याद करते हुए भावुक हो गए.
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View In Appपीएम मोदी ने बताया कि वह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुक्रवार से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं शारिरिक रूप से उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा, लेकिन उस समय में अकेला नहीं रहूंगा. मेरे मन में 140 करोड़ भारतवासी होंगे.
अपने ऑडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है., जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था.
उन्होंने कहा कि आज भव्य राम मंदिर बनकर सबके सामने है. सोने पर सुहागा यह है कि आज माता जीजाबाई की भी जयंती है, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी के रूप में एक महामानव को जन्म दिया था.
पीएम मोदी ने कहा, अब जबकि मैं जीजाबाई का जिक्र कर रहा हूं तो मुझे अपनी मां की भी याद आना स्वभाविक है. मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का ही नाम भजा करती थीं.
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिवसीय अनुष्ठान के तौर पर कठोर तपश्चर्या के साथ व्रत लेने का निर्णय किया है. इसके लिए शास्त्रों में नियम बताए गए हैं. प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से इसका पालन करना होता है.
पीएम मोदी ने तय किया कि वह अपनी तमाम व्यस्तताओं और जिम्मेदारियों के बावजूद प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके पहले के सभी नियमों और तपश्चर्याओं का दृढ़ता के साथ पालन करेंगे.
प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय यम-नियम पालन का अनुष्ठान शुरू किया है. देव प्रतिष्ठा को पार्थिव मूर्ति में ईश्वरीय चेतना के संचार का अनुष्ठान बताया गया है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री अपनी दैनिक दिनचर्या में ब्रह्ममुहूर्त जागरण, साधना और सात्विक आहार जैसे नियमों का पालन करते हैं.
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