Ayodhya Ram Mandir Timeline: कैसे टेंट से भव्य राम मंदिर में पहुंचे रामलला, यहां जानिए पांच सदी पुराने अयोध्या विवाद की पूरी टाइमलाइन
अयोध्या विवाद की शुरुआत तब से होती है, जब मुगल बादशाह बाबर ने मंदिर तुड़वाकर यहां मस्जिद का निर्माण करवाया था. देश की आजादी के बाद से तो ये मुद्दा और भी ज्यादा गरमाया. ऐसे में आइए एक टाइमलाइन के जरिए जानते हैं कि किस तरह रामलला टेंट से भव्य मंदिर में पहुंचे हैं.
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View In App1528-29: अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनाई गई. इसे लेकर कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण उस जगह पर हुआ है, जहां भगवान राम का जन्म स्थान रहा है. 1526 में भारत आने वाले बाबर ने अपने सेनापति मीर बाकी को आदेश देकर यहां मस्जिद बनवाई थी. इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा गया.
1859: अंग्रेजों ने 1857 की बगावत के बाद 1859 में परिसर को बांटने का काम किया. इसके लिए मस्जिद के सामने एक दीवार बनवा दी गई. भीतर हिस्से में मुस्लिमों को नमाज की इजाजत मिली, जबकि बाहरी हिस्से में हिंदू प्रार्थना कर सकते थे.
1885: बीतते वक्त के साथ अयोध्या में धीरे-धीरे तनाव बढ़ने लगा और फिर 1885 में ये मामला पहली बार अदालत में पहुंचा. हिंदू साधु महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट से गुजारिश की कि उन्हें राम मंदिर बनाने की इजाजत मिले. हालांकि, उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली.
1949: ये साल इस पूरे विवाद में काफी मायने रखता है, क्योंकि बाबरी मस्जिद के भीतर रामलला की मूर्ति पाई गई. दावा किया कि हिंदुओं ने खुद ही इस मूर्ति को रखा है. मुस्लिमों में इसे लेकर काफी नाराजगी थी, जिसके बाद सरकार ने मस्जिद को विवादित बताकर ताला लगवा दिया.
1984: राम मंदिर बनाने के आंदोलन के लिए ये साल काफी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि इसी वर्ष रामजन्मभूमि मुक्ति समिति का गठन हुआ. विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में गठित समिति राम मंदिर बनाने के लिए अभियान चलाने लगी.
1990: बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर से लोगों को अवगत कराने के लिए गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली. अक्टूबर में बिहार पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार किया, तब तक उनके साथ चल रहे कारसेवक अयोध्या पहुंच गए थे.
1990: अयोध्या में हजारों कारसेवक पहुंचे हुए थे. अक्टूबर के महीने में अयोध्या का माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया, क्योंकि कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहरा दिया था. हालात को काबू में करने के लिए गोली चलवानी पड़ी.
2002: इस साल फरवरी में हिंदू कार्यकर्ता ट्रेन से गोधरा लौट रहे थे, जिस पर हमला हुआ और 58 लोगों की मौत हो गई. 15 मार्च को विश्व हिंदू परिषद की तरफ से मंदिर निर्माण का ऐलान किया गया. इसके तहत सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ताओं की भीड़ अयोध्या में जमा हो गई.
2017: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विवाद को हिंदू-मुस्लिम पक्ष आपसी सहमति के साथ सुलझा सकते हैं. साथ ही बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के कई नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया.
2019: अगस्त महीने तक जब दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हुई और अदालत ने नवंबर में फैसला सुनाया.
2019: सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को विवादित जगह को रामलला को सौंपने का आदेश सुनाया. अदालत की तरफ से सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन भी दी गई.R
2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कानूनी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही अध्यादेश पर फैसला किया जाएगा. इस तरह अदालत में सुनवाई चलती रही.
2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी. इस तरह रामभक्तों को अब उम्मीद हो गई कि जल्द ही रामलला टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे.
2024: नींव रखे जाने के लगभग पांच साल बाद आज भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर राम भक्तों के लिए खुल जाएगा. इस साल के अंत तक मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार भी हो जाएगा.
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