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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
34 लाख करोड़ का है TATA संस, ग्रुप और ट्रस्ट का साम्राज्य; जानें 100 से भी ज्यादा देशों में फैला बिजनेस कैसे करता है काम
उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. टाटा ग्रुप में आज के समय में 100 से भी ज्यादा कंपनियां है जो दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में फैली हुई हैं.
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View In Appटाटा ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप अगस्त 2023 तक 403 अरब डॉलर से भी ज्यादा था और अगर भारतीय करेंसी के हिसाब से इसकी रकम निकली जाए तो यह 34 लाख करोड़ रुपए बनती है.
टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी TCS यानि कि टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज है, जिसका मार्केट कैप लगभग 15 लाख करोड़ रुपए का है. रतन टाटा का निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया है, लेकिन यह टाटा ट्रस्ट क्या है चलिए आपको बताते हैं.
टाटा ट्रस्ट के अंदर कई सारे ग्रुप है, जिसमें दो प्रमुख हैं. पहला है रतन टाटा ट्रस्ट और और दूसरा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट्स इन दोनों की टाटा साइंस में हिस्सेदारी 52 फीसदी है. इसके अलावा बाकी अन्य ट्रस्टों की हिस्सेदारी 14 फीसदी है. इस तरह से टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की कुल 66 फीसदी हिस्सेदारी है.
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस है और उसके अध्यक्ष चंद्रशेखरन हैं. टाटा संस के पास टाटा ग्रुप की कंपनियों में 25 फीसदी से लेकर 73 फीसदी तक की हिस्सेदारी है.
बात करें रेवेन्यू की तो 2023 और 24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का रेवेन्यू 165 अरब डॉलर रहा था. भारतीय करेंसी में इसकी कीमत 14 लाख करोड़ रुपए थी.
यानि कि टाटा ट्रस्ट के ऊपर टाटा संस है और टाटा संस का नियंत्रण टाटा ग्रुप करता है. इसका मतलब यह हुआ कि टाटा के बिजनेस में सबसे बड़ी बॉडी टाटा ट्रस्ट ही है.
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