Republic Day 2024: देश के पहले गणतंत्र दिवस की कैसी थी झलक? देखें, आजादी के बाद भारत ने यूं मनाया था लोकतंत्र का जश्न
संविधान ने देश के शासकीय पाठ के रूप में ब्रिटिश औपनिवेशिक भारत सरकार अधिनियम (1935) का स्थान ले लिया. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के जन्म के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. इसी दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मान्यता मिलने के बाद राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था.
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View In Appगणतंत्र दिवस का उद्घाटन जुलूस 1950 में हुआ था जिसका आयोजन मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में किया गया था. पहले इसे इरविन एम्फीथिएटर के नाम से जाना जाता था. उस समय मेजर ध्यानचंद स्टेडियम आयोजन स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.
देश में हुए पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदर्शन में 100 से अधिक विमानों और 3,000 भारतीय सैन्यकर्मियों ने भाग लिया था.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि थे. परेड अब पारंपरिक रूप से कर्तव्य पथ (पहले राजपथ नाम था) पर आयोजित की जाती है.
गणतंत्र दिवस के 3 दिन बाद होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह की जड़ें 1600 के दशक की परंपरा से जुड़ी हैं और यह हर साल 29 जनवरी को नई दिल्ली के विजय चौक पर होता है. सैनिकों की घर वापसी की घोषणा करने की परंपरा राजा जेम्स द्वितीय के समय से चली आ रही है, जिन्होंने सैनिकों को युद्ध के दिन के समापन को चिह्नित करने के लिए ड्रम बजाने, झंडे झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था.
वैसे, इस साल गणतंत्र दिवस की थीम भारत - लोकतंत्र की जननी और विकसित भारत है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (चीफ गेस्ट) को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.
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