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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Photos: केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की पूजा अर्चना, भगवान विष्णु की प्रतिमा के भी किए दर्शन
आरएसएस प्रमुख सुबह छह बजकर 40 मिनट पर मंदिर पहुंचे जहां भगवान विष्णु की प्रतिमा 'अनंत शयनम' यानी लेटी हुई मुद्रा में विराजमान है.
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View In Appसूत्रों के मुताबिक, मोहन भागवत सात अक्टूबर से केरल में हैं. वह राज्य में आरएसएस के अखिल भारतीय नेताओं की बैठक के लिए पहुंचे हैं. यह मंदिर इस क्षेत्र में भगवान विष्णु को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है.
सदियों पुराना यह मंदिर कुछ समय पहले हैरान कर देने वाली संपत्ति की खोज के कारण चर्चाओं में आया था. तब इसके तहखाने से कीमती वस्तुएं, सोने के आभूषण, कीमती पत्थरों से बनी प्रतिमाएं, जेवरात, ठोस सोने सिक्कों के ढेर, चांदी एवं सोने के बर्तन और लैंप मिले थे.
सात अक्टूबर को केरल पहुंचे भागवत ने कोझिकोड में केसरी वीकली द्वारा आयोजित अमृतशतम् व्याख्यान श्रृंखला और आठ अक्टूबर को कोल्लम में राज्य संघचालकों की बैठक समेत विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संगठनात्मक विज्ञान विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए भागवत ने कहा कि संघ हिंदुओं को संगठित करता है क्योंकि हम सभी हिंदू हैं.
मोहन भागवत ने कहा हमारी अपनी भाषाएं हैं, हमारी अपनी पूजा पद्धति हैं, हमारी अपनी जातियां और उपजातियां हैं, इतने सारे धर्म हैं, इतने सारे जीवन जीने के तरीके हैं... सब कुछ अलग है, फिर भी अनादि काल से हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
संस्कृति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, जैसे-जैसे समय बीतता है, विविधता बढ़ती है. एक भाषा कई भाषाएं बन जाती हैं. यह प्राकृतिक क्रम में होता है. फिर भी, हम एक साथ हैं. क्यों? क्योंकि यह हमारा संस्कार है; यह हमारी संस्कृति है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'इस भूमि पर, हम हर किसी का भरण-पोषण करते हैं, हर विविधता को स्वीकार करते हैं, और हर विविधता का सम्मान करते हैं. हम इसे अपनी मां के रूप में मानते हैं, और हम इसे अपनी मां के रूप में पूजते हैं. यह सभी जातियों, सभी भाषाओं, सभी धर्मों में आम है. हमारा डीएनए समान है. हम एक हैं. यह हमारी मातृभूमि है. हमारे धार्मिक संप्रदाय अलग-अलग हैं.
उन्होंने कहा, हिंदू समाज को संगठित होना चाहिए क्योंकि संगठित समाज ही समृद्ध देश का निर्माण करता है. इससे पहले मोहन भागवत ने यहां प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की.
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