Photos: अपनों से मिलने की चाहत, दहशत से दूर होते भारतीय छात्रों को मिला बड़ा सुकून, वॉर जोन से भारत के लिए रवाना
रूस और यूक्रेन के बीच आज युद्ध का तीसरा दिन है और यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय मूल के करीब 20000 छात्र और छात्राएं वहां फंसे हुए हैं. भारत में उनके परिजन परेशान हैं तो यूक्रेन में फंसे बच्चों के हालात भी कुछ ठीक नहीं हैं. ऐसे में देश की राज्य सरकारें अपने बच्चों को वापस लाने के लिये हर संभव कोशिश कर रहीं हैं.
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View In Appयूक्रेन पर रूस के हमले के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. आज युद्ध का तीसरा दिन है और रूस मानने को तैयार नहीं है. यूक्रेन भी झुकने को लेकर कंफ्यूजन में दिख रहा है. ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की जिंदगी खतरे में हैं और उनको बचाने के लिए भारत सरकार लगातार यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क में है.
भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए बुखारेस्ट भेजा गया एयर इंडिया का विमान वहां से भारत के लिये उड़ान भर चुका है. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है.
विदेश मंत्री ने बताया कि हम प्रगति कर रहे हैं. हमारी टीमें 24 घंटे ज़मीन पर काम कर रही हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं.यह विमान आज तड़के मुंबई से रवाना हुआ था. इस विमान के आज शाम 3 से 4 बजे के बीच भारत पहुंचने की बात कही जा रही है.
ऐसे में विदेश से आने वाले यात्रियों के लिये मुंबई में शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में आने वाले भारतीयों के लिए एक विशेष कॉरिडोर को ब्लॉक कर दिया गया है. उन्हें हवाई अड्डे पर अपने आगमन पर एक कोविड -19 टीकाकरण प्रमाण पत्र / नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई यात्री आगमन के समय कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाता है तो उनको हवाई अड्डे पर ही कोविड के आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा जिसका खर्च एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा उठाया जायेगा. टेस्टिंग के बाद नेगेटिव पाये गये यात्री हवाई अड्डे से बाहर जा सकेंगे लेकिन यदि किसी यात्री की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उसकी चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी.
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